डीएपी के बाद अब यूरिया के लिए भटक रहे किसान, अररिया में खाद लेने के लिए सुबह लग जाती है लाइन

डीएपी के बाद यूरिया के लिए किसान भटक रहे हैं। अररिया में खाद लेने के लिए सुबह से ही खाद दुकानों के बाहर किसानों की लंबी लाइन लग जाती है। कभी कभी भीड़ न‍ियंत्रण के लिए पुलिस भी बुलानी...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 08 Jan 2022 06:25 AM (IST) Updated:Sat, 08 Jan 2022 06:25 AM (IST)
डीएपी के बाद अब यूरिया के लिए भटक रहे किसान, अररिया में खाद लेने के लिए सुबह लग जाती है लाइन
डीएपी के बाद यूरिया के लिए किसान भटक रहे हैं।

संसू सिकटी, (अररिया)। सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों पर डीएपी के बाद अब यूरिया की मार हों रही है। अभी तक डीएपी की किल्लत से परेशानी थी हीं रही सही कसर यूरिया पूरी कर रही है। बोआई के बाद खेतों में सिचाई कार्य शुरू है। ऐसे में गेहूं की फसल के लिए यूरिया की आवश्यकता है पर समितियों या प्राइवेट दुकानों पर खोजने पर खाद नहीं मिल रही है। एक तो विभाग द्वारा आपूर्ति गिने चुने पैक्स और दुकानदार को किए जाते हैं। जरूरत के हिसाब से किसान को यूरिया की पूर्ति नही हों रही है।

घंटो लाइन में खड़े रहकर एक बोरा यूरिया लें या खेतों में समय दें। किसान दर-दर भटक रहे हैं। प्राइवेट दुकानों पर जाते हैं तो उनसे अधिक दाम वसूला जाता है। किसान सुबह से दोपहर तक पैक्स, व्यापार मंडल या अन्य खाद भंडार पर यूरिया प्राप्त करने के लिए पहुंच जाते हैं। जहां पर सुबह से दोपहर तक इंतजार करने के बाद भी यूरिया मिलना मुश्किल हो रहा है। यूरिया की कमी के चलते किसानों को प्रतिदिन मायूस होकर वापस जाना पड़ रहा है। विभाग पैक्स, व्यापार मंडल या अन्य खाद भंडारों में खाद की पर्याप्त सप्लाई नहीं कर पा रही है।

राज्य सरकार व केंद्र सरकार दोनों की अनदेखी के बीच किसान पिस रहे हैं। खाद की मुख्य सप्लाई केंद्र से राज्य फिर राज्य के जरिए जिलों में होती है। सीमावर्ती क्षेत्र के किसान चंद्रदीप सिंह, शिवानंद सिंह, मुकेश प्रसाद, ललित मंडल, श्यामलाल पोद्दार ने कहा कि किसान करीब एक माह से खाद न मिलने से हताश हो गए हैं। किसान निजी दुकानदारों के पास स्टाक ढूंढने का भी प्रयास कर रहे हैं, ताकि कहीं से भी खाद का जुगाड़ हो और अपनी खेती को बचा सके। रोज इन भंडारों में किसान खाद पता करने के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है।

जिसके कारण लगातार प्रदर्शन हों रहें हैं। इसके बाद भी कोई असर प्रशासन में नहीं दिख रहा। सभी इलाको में किसानों को खाद की किल्लत की समस्या से जूझना पड़ रहा है। अब भी यूरिया व डीएपी की किल्लत है। खाद की कमी से परेशान किसान जगह-जगह प्रदर्शन भी कर रहे हैं। खाद की किल्लत के चलते कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है।

प्रखंड कृषि पदाधिकारी आरके सिंह ने बताया कि सिकटी में व्यापार मंडल, मजरख पैक्स, भीरभीरी व बरदाहा तथा कुर्साकांटा में व्यापार मंडल, कुआड़ी, पहुंसी, लक्ष्मीपुर तथा लैलौखर में खाद वितरण का कार्य जारी है। पैक्स हो य़ा लाइसेंसी दुकान सरकारी समर्थन मूल्य 266 रुपए पर खाद किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है। खाद की किल्लत नही है। किसानों को धैर्य रखने की जरूरत है। लगातार रैक लग रही है। अररिया जिले में खाद की कोई दिक्कत नही है। यूरिया के साथ एनपीके भी उपलब्ध कराया गया है। इफ्को की चांद और शक्तिमान यूरिया भी आ रही है।

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