टीएनबी ला कालेज में निर्धारित संख्या से कम सीटों पर नामांकन को हरी झंडी, हाइकोर्ट ने दिया आदेश

टीएनबी ला कालेज में सत्र 2021-22 में ही नामांकन की दी गई है अनुमति। बिहार हाइकोर्ट ने दिया आदेश। अदालत ने तीन हफ्ते भीतर दोबारा जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। राज्‍य के 27 सरकारी और निजी ला कालेजों में आदेश से रोक लगा दी गई थी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 08:43 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 08:43 AM (IST)
टीएनबी ला कालेज में निर्धारित संख्या से कम सीटों पर नामांकन को हरी झंडी, हाइकोर्ट ने दिया आदेश
टीएनबी ला कालेज में नामांकन को लेकर आया यह निर्णय।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। हाइकोर्ट पटना ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के टीएनबी ला कालेज में (सत्र : 2021-22) में नामांकन के लिए बुधवार को सशर्त आदेश दे दिया है। बुधवार को अधिवक्ता कुणाल कौशल की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की। जिसमें टीएनबी ला कालेज समेत सूबे के अन्य ला कालेजों में नामांकन का सशर्त एक सत्र के नामांकन के लिए हरी झंडी दी गई है।

कुणाल कौशल के मुताबिक हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद टीएनबी ला कालेज में निर्धारित संख्या से कम सीटों पर नामांकन की अनुमति दी है। हाइकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि यह नामांकन सत्र : 2021-22 के लिए होगा। अगले सत्र के लिए बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) से अनुमति लेनी होगी। हाइकोर्ट ने बीसीआइ को तीन हफ्ते भीतर दोबारा जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि नामांकन से पूर्व कालेज की व्यवस्था और उपलब्ध सुविधाओं को भी देख लिया जाए।

कोर्ट ने कहा बीसीआइ को आदेश दिया है कि अगले सत्र में नामांकन के पहले इस बात के लिए आश्वस्त हो जाएं कि ला कालेज केवल बीसीआइ ही नहीं संबंधित विवि और राज्य सरकार के अर्हताओं को भी पूरा करते हैं या नहीं। दरअसल, अधिवक्ता श्री कौशल की जनहित याचिका के बाद हाइकोर्ट ने सूबे के 27 सरकारी और निजी ला कालेजों में 23 मार्च 2021 के आदेश से रोक लगा दी गई थी। अब बीसीआइ की अनुशंसा के बाद नामांकन की अनुमति मिली है।

एक फरवरी से कालेज और विश्वविद्यालय बंद कराएंगे कर्मी

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में दूसरे दिन बुधवार को भी कर्मचारियों ने कालेजों और विवि के कार्यालय का कामकाज बाधित कर दिया। कर्मचारी 11 सूत्री मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन के तहत प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारी संघ का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो वे लोग एक फरवरी से चार फरवरी के बीच 12 अंगीभूत कालेजों और विवि का पठन पाठन के साथ परीक्षा बाधित कर देंगे। इसके लिए उन लोगों ने अपनी तैयारी कर रखी है। ऐसे में विवि की मुश्किलें जरूरी कार्य को लेकर बढ़ सकती है।

बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रक्षेत्र मंत्री सुशील मंडल ने कहा कि वे लोग सुरक्षा प्रहरियों, सफाइकर्मियों के साथ संविदाकर्मियों को भी आंदोलन में शामिल करेेंगे। इसके बाद पूरी तरह कार्य ठप कर देंगे। इसकी जिम्मेवारी सरकार और विवि प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि राज्यव्यापी आंदोलन के तहत ये प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शन को दूसरे दिन भी टीएमबीयू के विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ ने भी अपना समर्थन दिया। इस कारण विवि का सारा कार्य बाधित रहा। जिससे छात्रों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा। 

chat bot
आपका साथी