हमें राजशाही नहीं, लोकशाही व्यवस्था चाहिए : डॉ. राम पुनियानी

बेगूसराय। आज सत्ता में बने रहने के लिए कुछ संगठन व पार्टियां धर्म को अपना हथियार बना रही है। बाबरी म

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jan 2019 09:32 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jan 2019 09:32 PM (IST)
हमें राजशाही नहीं, लोकशाही व्यवस्था चाहिए : डॉ. राम पुनियानी
हमें राजशाही नहीं, लोकशाही व्यवस्था चाहिए : डॉ. राम पुनियानी

बेगूसराय। आज सत्ता में बने रहने के लिए कुछ संगठन व पार्टियां धर्म को अपना हथियार बना रही है। बाबरी मस्जिद, राम मंदिर और गौ रक्षा के नाम पर मॉब ¨ल¨चग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ऐसे लोग देश में राजशाही व्यवस्था कायम करने की बड़ी साजिश कर रहे हैं। परंतु हमें राजशाही नहीं बल्कि लोकशाही व्यवस्था चाहिए। उक्त बातें रविवार को भाकपा के तत्वावधान में दिनकर कला भवन में आयोजित साझी शहादत व साझी विरासत की हिफाजत के लिए जन लामबंदी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक इतिहासकार डॉ. राम पुनियानी ने कहीं। इतिहास के साथ छेड़छाड़ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास बताता है कि बाबर खुद भारत नहीं आए थे बल्कि राणा सांगा नाम के भारत के ¨हदू राजा ने दिल्ली के तत्कालीन राजा इब्राहिम लोदी को सत्ता से हटाने के लिए बाबर को भारत बुलाया था। राम मंदिर के मुद्दे को लेकर लालकृष्ण आडवाणी ने रथ निकाला था। परंतु भाजपा अपने उस नेता को ही भूल गई। ऐसे लोग जनता को कभी याद नहीं रख सकते हैं। सरकार लोकहित का कार्य करने की बजाय सड़क व जिला का नाम बदलने में मशगूल है। उन्होंने कहा कि आज झगड़ा ¨हदू-मुसलमान का नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्य एवं सामंती ताकतों की है। लोगों से उन्होंने धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों को सत्ता में नहीं आने देने के लिए कार्य करने का आह्वान भी किया। कार्यक्रम के दौरान प्रो. द्विजेंद्र नारायण झा द्वारा अन्तरराष्ट्रीय वैज्ञानिक इतिहासकार डॉ. रामशरण शर्मा पर लिखित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद व भाकपा नेता शत्रुघ्न प्रसाद ¨सह ने की। मौके पर पूर्व विधान पार्षद ऊषा सहनी, जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, प्रो. अरूण कुमार, अनिश अंकुर, प्रो. फुलेश्वर ¨सह, पूर्व विधायक अवधेश राय, भाकपा के जिला मंत्री गणेश ¨सह, अनिल कुमार अंजान आदि मौजूद थे। इतिहासकार डॉ. रामशरण शर्मा की जन्मशताब्दी के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. रामशरण शर्मा के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर की गई।

इप्टा के कलाकारों ने प्रस्तुत किया गीत : कार्यक्रम के दौरान बिहार, बीहट, रानी व नगर इप्टा के कलाकारों ने क्रांतिकारी गीतों की प्रस्तुति की। कलाकारों ने एक हमारी और एक उनकी मुल्क में हैं आवाजें दो.., राम वनवास से जब लौट के घर आए..आदि गीतों की प्रस्तुति की। कलाकार के रूप में बिहार इप्टा के कार्यकारी अध्यक्ष सीताराम ¨सह, लक्ष्मीनारायण सहित अन्य भी शामिल थे।

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