विभागीय उदासीनता से नहीं बन सकी सिल्क सिटी

बेगूसराय। जिला में अंडी रेशम उद्योग की असीम संभावनाओं के बावजूद सरकारी उदासीनता की वजह से

By Edited By: Publish:Sun, 27 Sep 2015 05:58 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2015 05:58 PM (IST)
विभागीय उदासीनता से नहीं बन सकी सिल्क सिटी

बेगूसराय। जिला में अंडी रेशम उद्योग की असीम संभावनाओं के बावजूद सरकारी उदासीनता की वजह से बेगूसराय सिल्क सिटी बनने से महरूम हैं। वर्ष 2014-15 में निर्धारित लक्ष्य 40 हजार डीएफएलएस को पार करते हुए जिला के 595 किसानों ने 119858 डीएफएलएस का उत्पादन का रिकार्ड बनाया। यह सरकारी आकड़ा यदि 50 फीसदी भी सत्य है तो यहां रेशम उद्योग के विकास की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।

लोहियानगर स्थित फॉर्म की स्थिति

लोहियानगर में लगभग साढ़े चार एकड़ में फैले रेश्म फार्म में सहायक अधीक्षक के पद से संतोष कुमार के सेवानिवृत्ति के उपरांत रिक्त पड़ा है। इसके साथ ही एक अधिदर्शक (ओवरसियर) एवं दो कीटपालक का पद भी दो वर्षों से रिक्त है। रेशम फार्म में लेखापाल बसंत कुमार, दो कीटपालक, शिवकुंडल राम व विजय कुमार ¨सह, एक रात्रि प्रहरी विपुल कुमार एवं एक आदेशपाल अमर कुमार झा कार्यरत हैं।

मालूम हो कि 2012 में बेगूसराय से सहायक उद्योग निदेशक कार्यालय पूर्णिया चला गया और बेगूसराय कार्यालय को मुजफ्फरपुर से जोड़ दिया गया। इससे अब हर छोटी-बड़ी समस्याओं के लिए मुजफ्फरपुर कार्यालय के आदेश की बाट जोहना पड़ता है।

जिले में कहां-कहां होता है रेशम कीट पालन

- जिला में चेरिया बरियारपुर प्रखंड के बसही, सकरौली, छर्रापट्टी, गोपालपुर एवं रामपुर गावं के किसान

- खोदावंदपुर प्रखंड के फफौत, तारा बरियारपुर पूर्वी एवं पश्चिमी एवं दौलतपुर

- मटिहानी के बदलपुरा एवं सिहमा के किसानों द्वारा अंडी पर रेशम कीड़ा का पालन किया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार उन किसानों द्वारा 10191 किलो ककून का उत्पादन का रिकार्ड बनाया है।

रेशम के कीट पालन का मौसम

रेशम कीट पालने के लिए जनवरी-फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई-जून एवं जुलाई-अगस्त का समय काफी बेहतर होता है। बेगूसराय जिला में अंडी की खेती काफी मात्रा में होने की वजह से अंडी रेशम कीट पालन की काफी संभावनाएं हैँ। जिससे बिहार का इकलौता अंडी रेशम फार्म के दिन बहुरेंगे। साथ ही भागलपुर की तरह बेगूसराय भी सिल्क सिटी बन सकती है।

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