लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेशों को नहीं मिलती तवज्जो

बेगूसराय। अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, तेघड़ा से शिकायतों के निवारण का लाभ आमजनों को नहीं मिल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Jan 2019 04:05 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jan 2019 04:05 PM (IST)
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेशों को नहीं मिलती तवज्जो
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेशों को नहीं मिलती तवज्जो

बेगूसराय। अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, तेघड़ा से शिकायतों के निवारण का लाभ आमजनों को नहीं मिल पा रहा। यहां सिर्फ लोगों को सुझाव एवं परामर्श ही दिया जाता है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में बताया गया कि तेघड़ा में 05 जून 2016 को स्थापना के बाद से बीते 11 दिसम्बर 2018 तक (लगभग ढ़ाई वर्षों में) लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को कुल 4110 फरियादियों से आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 900 फरियादियों के फरियाद को वैकल्पिक सुझाव देकर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। साथ ही 764 फरियादियों के फरियाद को अस्वीकृत कर दिया गया। 309 फरियादियों के फरियाद को 60 कार्य दिवस से कम बताकर लंबित मामले में डाला गया तो वहीं, 05 फरियादियों के फरियाद को 60 कार्य दिवस से अधिक बताकर उसे भी लंबित कर दिया गया। मालूम हो कि लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा मात्र 2132 आवेदन को ही सुनवाई के लिए स्वीकृत किया गया। इस प्रकार से 1978 फरियादियों को उक्त कार्यालय से निराशा ही हाथ लगी। इस संबंध में अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, तेघड़ा ने अपने पत्र के माध्यम से आवेदक शोकहरा पंचायत दो निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट गिरीश प्रसाद गुप्ता को जानकारी मुहैया कराते हुए बताया कि उन्हें विभागीय पदाधिकारी पर जुर्माना एवं कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही यह जानकारी दी कि उक्त कार्यालय में एक पदाधिकारी और चार कार्यपालक सहायक मानदेय अनुबंध पर कार्यरत हैं। उन पर सरकार का 30 महीनों में सरकारी खजाने से लगभग 35 लाख से अधिक का खर्च है। लेकिन लोगों के उसका फीडबैक शून्य बताया जाता है। आवेदक श्री गुप्ता ने बताया कि लगभग 119 शिकायतों का निवारण कर उस पर सुझाव देते हुए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, तेघड़ा के आदेशों का कोई तवज्जो विभाग के संबंधित पदाधिकारी या प्राधिकार नहीं देते हैं।

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