बिहार: पूर्व मंत्री मंजू वर्मा औऱ उनके पति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
अवैध कारतूस का मामला पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के गले की फांस बन गया है। इसके मुकदमे को ले मंजू वर्मा और उनके पति चंदेश्वर वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है।
बेगूसराय [जेएनएन]। बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर थाना में दर्ज आर्म्स एक्ट के मुकदमे में उनकी अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
विदित हो कि बीते 17 अगस्त को मंजू वर्मा और चंद्रशेखर वर्मा के बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर स्थित आवास पर सीबीआइ की छापेमारी के दौरान 50 अवैध कारतूस मिले थे। इनमें प्रतिबंधित बोर के आग्नेयास्त्रों के कारतूस भी शामिल थे। इसे लेकर सीबीआइ के डीएसपी ने मंजू वर्मा और उनके पति के खिलाफ अवैध हथियार व कारतूस रखने की एफआइआर दर्ज कराई थी। बेगूसराय पुलिस ने जब्त किए गए सभी कारतूस को जांच के लिए पटना स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भेज दिया था।
बेगूसराय के एसपी आदित्य कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट में पता चला है कि मंजू वर्मा के घर से जितने भी कारतूस बरामद किए गए, वे सभी अवैध हैं। एसपी ने यह भी बताया कि जिला पुलिस अब आगे की कार्रवाई करेगी। इस बीच मंजू वर्मा के पुत्र ने एसपी से मिलकर कहा है कि उनके घर से बरामद कारतूस उनके नहीं हैं। एसपी ने बताया कि इस दावे की भी जांच कराई जाएगी।
बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआइ ने मंजू वर्मा के बेगूसराय आवास पर छापेमारी की थी। इसमें उसे 50 कारतूस मिले थे। सीबीआइ ने पूर्व मंत्री के घर में रखे एक बॉक्स से .32 बोर के 15 कारतूस, 8 एमएम बोर के 10 कारतूस, 7.62 बोर के 19 कारतूस एवं थ्री नोट थ्री बोर के छह कारतूस बरामद किए थे। सभी कारतूस प्रतिबंधित श्रेणी के हैं।
मंजू वर्मा को कुल 16 अंगरक्षक व हाउसगार्ड उपलब्ध कराए गए थे। इनमें दो एसएलआर से लैस थे। लेकिन, जब दोनों अंगरक्षकों की गोलियों का हिसाब किया गया तो वे ठीक पाए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि मंजू वर्मा के घर प्रतिबंधित श्रेणी के कारतूस कहां से आए?