समुखिया में 72 लाख से बनेगा भाजपा का हाईटेक कार्यालय
तीन दशक बाद भी जिला में किसी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल को अपना आवासीय कार्यालय नसीब नहीं है। कचहरी परिसर में भाजपा का एक कार्यालय चलता है पर इसकी जगह काफी छोटी है। पुरानी पार्टी कांग्रेस के पास जिला में जमीन है। पर कार्यालय निर्माण अभी प्रस्तावित है। कांग्रेस का कार्यालय भी नेता बदलने पर बदलता रहा है।जदयू और राजद कार्यालय भी किसी-किसी नेता के घर में सुविधानुसार चलता रहा है। वामदलों में सीपीआई का कार्यालय भयहरण स्थान के समीप एक घर में संचालित होता रहा है।
बांका। भाजपा जिला में हाईटेक कार्यालय वाला पहला राजनीतिक दल बनेगा। अमरपुर रोड में शहर से सटे समुखिया के पास यह कार्यालय 72 लाख रुपये की लागत से बनेगा। सोमवार को राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल, विधान पार्षद सह प्रदेश भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल इसके निर्माण की आधारशिला रखेंगे। इसके लिए बड़ी संख्या में नए और पुराने कार्यकर्ताओं को भी आमंत्रण भेजा गया है। रविवार को दिन भर जमीन पर अभियंताओं की टीम के साथ पार्टी पदाधिकारी निर्माण प्रक्रिया संबंधी मापी कराते रहे। विधान पार्षद दिलीप जायसवाल, जिलाध्यक्ष विकास सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष अजय दास, कोषाध्यक्ष अनुपम गर्ग के साथ पटना के अभियंता की टीम प्रस्तावित कार्यालय भवन के पास मापी की प्रक्रिया को पूरी कराते रहे। विधान पार्षद ने कहा कि इसे विधानसभा चुनाव तैयारियों से भी जोड़ कर देखा जा सकता है। तीन महीने के अंदर भवन पूरी तरह बन कर तैयार हो जाएगा। बिहार के सभी जिलों में भाजपा अपना कार्यालय बना रही है। बांका में निर्माण शुरु होने में थोड़ी देरी जरूर हुई, पर इसका निर्माण समय से पहले पूरा होगा। उन्होंने बताया कि कार्यालय में बड़ा हॉल, जिलाध्यक्ष का चैंबर, आइटी सेल का कमरा, कार्यकर्ता और प्रमुख पदाधिकारी के ठहरने आदि का कमरा बनाया जा रहा है। प्रदेश नेता ने बताया कि बिहार के सभी कार्यालय का नक्शा एक जैसा है। उसी तर्ज पर बांका कार्यालय भी बनेगा।
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जिला मुख्यालय के तीन दशक बाद भी जिला में किसी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल को अपना आवासीय कार्यालय नसीब नहीं है। कचहरी परिसर में भाजपा का एक कार्यालय चलता है, पर इसकी जगह काफी छोटी है। पुरानी पार्टी कांग्रेस के पास जिला में जमीन है। पर कार्यालय निर्माण अभी प्रस्तावित है। कांग्रेस का कार्यालय भी नेता बदलने पर बदलता रहा है। जदयू और राजद कार्यालय भी किसी-किसी नेता के घर में सुविधानुसार चलता रहा है। वामदलों में सीपीआइ का कार्यालय भयहरण स्थान के समीप एक घर में संचालित होता रहा है।