तीन वित्तीय वर्ष में वितरित छात्रवृत्ति राशि की होगी जांच

औरंगाबाद। बीते 3 वित्तीय वर्ष 2014-15 2015-16 एवं 2016-17 में प्रखंड के प्राथमिक मध्य एवं उच विद्यालयों में वितरित की गई छात्रवृत्ति मद की राशि के संदर्भ में जांच की जाएगी। जांच के लिए तीन जांच दल गठित किया गया है और संकुल वार तिथि तय की गई है। जांच प्रखंड सभागार दाउदनगर में होगी जिसके नोडल पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी बनाए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 06:46 PM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 06:46 PM (IST)
तीन वित्तीय वर्ष में वितरित छात्रवृत्ति राशि की होगी जांच
तीन वित्तीय वर्ष में वितरित छात्रवृत्ति राशि की होगी जांच

औरंगाबाद। बीते 3 वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रखंड के प्राथमिक, मध्य एवं उच्च विद्यालयों में वितरित की गई छात्रवृत्ति मद की राशि के संदर्भ में जांच की जाएगी। जांच के लिए तीन जांच दल गठित किया गया है और संकुल वार तिथि तय की गई है। जांच प्रखंड सभागार दाउदनगर में होगी, जिसके नोडल पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी बनाए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को बीडीओ जफर इमाम द्वारा पत्र जारी किया गया है। जिसके अनुसार 8 जनवरी को मध्य विद्यालय शमशेर नगर, मध्य विद्यालय धनावां-विसंभर बिगहा एवं मध्य विद्यालय संसा संकुल से संबंधित विद्यालयों की जांच होगी। 09 जनवरी को मध्य विद्यालय सिपहां, मध्य विद्यालय बेलवां एवं मध्य विद्यालय तरार संकुल से संबंधित विद्यालयों की जांच होगी। 11 जनवरी को मध्य विद्यालय अरई, मध्य विद्यालय अकौनी एवं राष्ट्रीय मध्य विद्यालय दाउदनगर संकुल से संबंधित विद्यालयों की जांच होगी। 12 जनवरी को मध्य विद्यालय कनाप, मध्य विद्यालय सिदुआर एवं मध्य विद्यालय संख्या एक संकुल से संबंधित विद्यालयों की जांच होगी तथा 13 जनवरी को मध्य विद्यालय अमौना संकुल के विद्यालयों की जांच होगी। तीन जांच दल गठित

छात्रवृत्ति मद की जांच के लिए तीन दल गठित किए गए हैं। प्रथम दल में प्रखंड साधन सेवी धर्मेंद्र कुमार, प्रधानाध्यापक सईद आलम एवं विकास मित्र अमित कुमार शामिल हैं। दूसरे दल में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी श्रावणी गुप्ता, प्रखंड संसाधन केंद्र के लेखापाल अमरेश कुमार एवं विकास मित्र राम जीतराम शामिल किए गए हैं। तीसरे दल में प्रखंड परियोजना पदाधिकारी जीविका मोहम्मद आरिफ, प्रधानाध्यापक रामाकांत सिंह और विकास मित्र समीर कुमार शामिल किए गए हैं। जांच के लिए जरूरी दस्तावेज

सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे निम्नलिखित कागजात या दस्तावेज लेकर जांच दल के सामने उपस्थित होंगे। इसमें नामांकन पंजी, उपस्थिति पंजी, रोकड़ बही, छात्रवृत्ति वितरण पंजी, जनवरी 2014 से अप्रैल 2017 तक संचालित बैंक खाता, उपयोगिता प्रमाण पत्र, मांग पत्र की द्वितीय प्रति की छाया प्रति जांच प्रतिवेदन के साथ संग्लग्न करना है। दो साल बाद खुली नींद

शिक्षकों का कहना है? कि डीएम के आदेश के बावजूद दो साल बाद अधिकारी की नींद खुली और जांच के लिए दस्तावेज की मांग की गई है। प्रखंड के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों द्वारा तीन वित्तीय वर्ष में बांटी गई छात्रवृत्ति राशियों की जांच के लिए जिला पदाधिकारी ने ज्ञापांक-1037 गो. दिनांक 22-02-2019 को ही आदेश दिया था। यह जांच लगभग दो वर्ष पहले ही हो जानी चाहिए थी लेकिन बीडीओ की नींद अब जाकर खुली है। शिक्षकों ने प्रश्न उठाया कि आखिर उक्त आदेश पर अमल में इतनी देर क्यों की गई ? क्या इसके पीछे कोई राज है?

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