जय कन्हैया लाल की, कृष्ण गोपाल की से गुंजी मंदिर
कृष्ण जन्माष्टमी नगर सहित क्षेत्र में धार्मिक आस्था व परम्परानुरूप हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिले में नंदोत्सव पर्व काफी धूमधाम से मनाये जाने की परम्परा वर्षों से चली आ रही है।
अरवल । कृष्ण जन्माष्टमी नगर सहित क्षेत्र में धार्मिक आस्था व परम्परानुरूप हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिले में नंदोत्सव पर्व काफी धूमधाम से मनाये जाने की परम्परा वर्षों से चली आ रही है। इसी परंपरा के चलते भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि पर रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के साथ मंदिरों व घर-घर में मूर्ति स्थापित कर धूमधाम से जन्माष्टमी पर्व मनाया गया। इस अवसर पर भक्तजनों के द्वारा विधि-विधान से पूजन अर्चन कर विभिन्न प्रकार के पकवान व फल का भोग लगाया गया एवं रात 12 बजे जन्मोत्सव मनाया साथ ही मंदिरों व घरों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। प्रखंड क्षेत्र के प्रसादी इंग्लिश, सकरी वासिलपुर अरवल सिपाह, भदासी, फखरपुर, बैदराबाद सहित सभी ग्रमीण इलाको में जन्मोत्सव पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। इस पर्व पर मंदिरों को लाइ¨टग सहित अन्य आभूषणों से सजाया गया था। मंदिरों में स्थापित मूर्ति सभी भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था । मध्य रात्रि को भगवान को पालन पर झुलाया गया तत्पश्चात महाआरती कर प्रसादी का वितरण किया गया। इसके बाद रात-भर संगीतमय भजन-कीर्तन हुए जिससे सभी भक्तजन भावविभोर हो गए और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबे नजर आए। भगवान श्री कृष्ण को भक्तों द्वारा अपने अपने घरों में हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की जैसे गुंजायमान उद्घोषों के साथ झूमते गाते नजर आए।
कृष्ण जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर पूरे शहरी एवं ग्रामीण इलाकों का माहौल भगवान कृष्ण की लीलाओं के गुणगान में डूबा रहा। नन्हे मुन्ने बच्चों ने जहां कृष्ण वेश धारण किया वही नन्ही बालिकाएं भी राधा के रूप मे अपना श्रृंगार कर विविध वेशभूषा मे नजर आए। पूरे जिले मे कृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही।वहीं जिले आज भी जन्माष्टमी का त्योहार आज भी मनाई जाएगी।.