बिहार में दो लाख भूत खा रहे मध्याह्न भोजन, जानिए पूरा मामला

बिहार के अररिया जिले में भूतों द्वारा मध्‍याहन भोजन खाने का मामला सामने आया है। यह मामला मध्याहन भोजन की वार्षिक समीक्षा के दौरान उजागर हुआ।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Thu, 18 May 2017 04:56 PM (IST) Updated:Fri, 19 May 2017 10:00 PM (IST)
बिहार में दो लाख भूत खा रहे मध्याह्न भोजन, जानिए पूरा मामला
बिहार में दो लाख भूत खा रहे मध्याह्न भोजन, जानिए पूरा मामला

अररिया [जेएनएन]। बिहार में शराबबंदी के बाद थानों के मालखानों में चूहों द्वारा शराब पीने की खबर आयी थी। अब भूतों द्वारा मध्याह्न भोजन खाने की खबर आ रही है। मामला अररिया जिले का है। 

जिले के 251 प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टार पर जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की वजह जानकार आप हैरान हो जायेंगे। दरअसल, इन प्राथमिक विद्यालयों में करीब दो लाख भूत छात्रों को मिड डे मील भोजन परोसा जा रहा था। 

दरअसल, मध्याह्न भोजन की वार्षिक समीक्षा के दौरान अनियमितता का मामला उजागर हुआ। 2,080 प्राथमिक स्कूंलों के निरीक्षण में यह पता चला कि साढ़े पांच लाख बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है। जब इसकी जांच की गई तो इसमें से दो लाख बच्चे फर्जी पाये गये। 

जिला शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दो लाख बच्चे जिन्होंने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा है, वे भी प्रतिदिन मध्याह्न भोजन खा रहे थे। इनमें से अधिकांश का तो कोई नामों निशान ही नहीं है और कुछ दूसरे जगह पढ़ाई कर रहे हैं। 

मिड डे मील योजना में गड़बड़ी की जांच बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुभाष गुप्ता ने कहा कि 251 स्कूलों के हेडमास्टर पर 61.68 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इनमें से करीब 70 प्रतिशत ने इसे जमा भी कर दिया है। एक हेडमास्टर पर जुर्माने की राशि 20 हजार से 1 लाख रूपये तक लगायी गई है। जिन लोगों ने मिड डे मील की राशि जमा नहीं की है, उनके उपर कठोर कार्रवाई की जायेगी। 

इस मामले में फंसे एक हेडमास्टर ने कहा कि इस खेल के मुख्य आरोपी को छोड़ दिया गया है और हमें मोहरा बनाया गया है। हमने अपने खून पसीने की कमाई से जुर्माने की रकम जमा की है। 

इस मामले में यहां के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर भी अनियमितता में शामिल होने के आरोप के जवाब पर गुप्ता ने कहा कि अभी तक उनके खिलाफ कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। 

बता दें कि मिड डे मील योजना केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई योजना है, जिसके अंतर्गत रूकूल आने वाले बच्चों के समुचित विकास के लिए दिया जाता है। यह योजना पूरे देश में चल रही है। इसमें प्राथमिक और मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्रों को दोपहर के समय भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। 

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जिले में अनियमितता का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी अररिया जिले में इस तरहे के मामले सामने आते रहे हैं। कुछ समय पहले कुरसकंटा प्रखंड में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को छात्रवृति बांटने में अनियमितता के आरोप पर शिक्षा पदाधिकारी को निलंबित किया गया था। उनके साथ स्कूल के हेडमास्टर सहित 14 अन्य व्यक्तियों के उपर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 

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