तस्करों के वाहनों की रफ्तार देखकर दहल रहा ग्रामीणों का कलेजा

अररिया। भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में एसएसबी व पुलिस कर्मी की मंद होती गतिविधि के बीच तस्करों की

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 11:43 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 11:43 PM (IST)
तस्करों के वाहनों की रफ्तार देखकर दहल रहा ग्रामीणों का कलेजा
तस्करों के वाहनों की रफ्तार देखकर दहल रहा ग्रामीणों का कलेजा

अररिया। भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में एसएसबी व पुलिस कर्मी की मंद होती गतिविधि के बीच तस्करों की बल्ले-बल्ले हो रही है। बेखौफ तस्कर की बाइक इतनी तेज रफ्तार में होती है जब वह तस्करी के माल लोड कर निकलते तो मजाल क्या की कोई उसके सामने आ जाए। अब ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि किसी की जान की परवाह किए बगैर बे़खौफ़ तस्करों की गाडियों में तस्करी के समान लोड कर तेज स्पीड में अंजाम दिया जा रहा है। इसके बावजूद स्थानीय एसएसबी व पुलिस मूकदर्शक बनी हुई हैं। शराब तस्करी से लेकर तमाम वस्तुओं की तस्करी में जुड़े तस्करों को एसएसबी व पुलिस की लापरवाही का शुभ फल मिल रहा है। 24 घंटा सीमा पर तैनाती का दावा करने वाले एसएसबी के रहते तस्करी क्यों नहीं बंद हो रही है। तस्करी के सामानों से लदे वाहनों को इतनी तीव्र रफ्तार से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कराते हैं जिससे यहां के ग्रामीणों को हमेशा हीं सड़क हादसे का अंदेशा बना रहता है तस्कर ब्रेकर की परवाह किए बगैर तूफान की रफ्तार में बाइक एवं चार चक्के वाहन चलाते हैं। कई बार तस्करों की बाइक से लोग जख्मी भी हुए हैं कितु तस्कर पकड़ा नहीं जा सका। यहां के ग्रामीणों ने कई बार एसएसबी के कैंप प्रभारी एवं थानाध्यक्ष को तस्करों की गुस्ताखी से अवगत कराया कितु उनकी फरियाद अनसुनी कर दी गई। सबसे अधिक मानिकपुर भारत नेपाल सीमांकन पिलर संख्या 189 के निकट से तस्करी हो रहा है यहां के ग्रामीणों की जान इसलिए सांसत में बनी रहती है। क्योंकि तस्करों चौबीसो ंघंटे तीव्र रफ्तार से इस गांव के रास्ते अपने बाइक या चार चक्के वाहनों को ले जाते हैं यदि ग्रामीण सतर्क ना रहे तो प्रतिदिन सड़क दुर्घटना में लोगों की जान चली जाएगी। ग्रामीणों ने मानिकपुर में स्थानीय एसएसबी एवं पुलिस चौकी के स्थापना की मांग वरीय अधिकारी से की है। इधर स्थानीय ग्रामीणों ने मानिकपुर में एसएसबी चौकी की मांग की है ताकि शराब तस्करी पर रोक लग सके।

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