Safe Driving के लिए सरकार ने निकाला गजब का तोड़, कार में जल्द आएगा हादसे की चेतावनी देने वाला फीचर

Safe Driving सड़क (Road) परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने चारपहिया वाहनों की कुछ निश्चित श्रेणियों में मैन्यूफैक्चरिंग के समय ही मूविंग आफ इन्फार्मेंशन सिस्टम (एमओआइएस) लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। एमओआइएस एक ऐसी प्रणाली है जो वाहन चालक को पास में पैदल चलने वालों व साइकिल चालकों की उपस्थिति का पता लगाने और सूचित करने की सुविधा देती है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 12 Nov 2023 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 12 Nov 2023 06:00 AM (IST)
Safe Driving के लिए सरकार ने निकाला गजब का तोड़, कार में जल्द आएगा हादसे की चेतावनी देने वाला फीचर
Safe Driving के लिए सरकार ने निकाला गजब का तोड़, कार में जल्द आएगा हादसे की चेतावनी देने वाला फीचर

पीटीआई, नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने चारपहिया वाहनों की कुछ निश्चित श्रेणियों में मैन्यूफैक्चरिंग के समय ही मूविंग आफ इन्फार्मेंशन सिस्टम (एमओआइएस) लगाने का प्रस्ताव पेश किया है।

यह प्रणाली हादसे की स्थिति में समय रहते चेतावनी देगी और इससे पैदल चलने वालों व साइकिल चालकों से टक्कर की आशंका में कमी आएगी। मंत्रालय ने इस संबंध में एक मसौदे में एमओआइएस को लेकर वाहन उद्योगों के लिए मानक तय किए हैं। इसे सार्वजनिक परामर्श के बाद अधिसूचित किया जाएगा।

फीचर के जरिए मिलेगी टक्कर की चेतावनी

एमओआइएस एक ऐसी प्रणाली है जो वाहन चालक को पास में पैदल चलने वालों व साइकिल चालकों की उपस्थिति का पता लगाने और सूचित करने की सुविधा देती है। यदि जरूरी हो तो मैन्यूफैक्चरर की रणनीति के आधार पर संभावित टक्कर के बारे में चालक को चेतावनी देती है।

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मसौदे के अनुसार, असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ता (वीआरयू) की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पहले वाहनों में दर्पणों की संख्या बढ़ाई गई थी, ताकि वाहन के सामने की क्षेत्र की दृश्यता बेहतर हो सके।

साइकिल चालकों को असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ता माना जाता है

इन विशेषताओं के वाबजूद टकराव अभी भी होते हैं। ऐसे में वीआरयू के बीच दुर्घटनाओं से बचने के लिए ऐसी सहायता प्रणालियों का उपयोग करना जरूरी है। पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों को असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ता माना जाता है।

सड़क मंत्रालय का प्रस्ताव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2022 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या चिंताजनक रूप से 12 प्रतिशत बढ़कर 4.6 लाख से अधिक हो गई। यानी पिछले वर्ष हर घंटे 19 लोगों की मौत हुई है।

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