एक्सिडेंट में होने वाली मौतों की संख्या 2024 तक 50 फीसदी होंगी कम, गडकरी ने बनाया मास्टर प्लान

ये वो जगहें हैं जहां बार-बार एक्सीडेंट्स होते हैं। किसी एक स्पॉट पर तीन साल में पांच रोड एक्सीडेंट्स हो जाएं या किसी स्पॉट पर 3 साल में 10 मौतें हो जाएं तो उसे Black Spot माना जाता है।

By Atul YadavEdited By: Publish:Mon, 03 Oct 2022 06:50 PM (IST) Updated:Mon, 03 Oct 2022 06:50 PM (IST)
एक्सिडेंट में होने वाली मौतों की संख्या 2024 तक 50 फीसदी होंगी कम, गडकरी ने बनाया मास्टर प्लान
ब्लैक स्पॉट को ठीक करने के लिए खर्च हो रहे 25 हजार करोड़

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत सरकार सड़क हादसों में होने वाली मौतें पर अंकुश लगाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। इसी क्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए एक टार्गेट सेट किया है। लक्ष्य साल 2024 तक मौतों की सख्या को लगभग आधा करना है। आइये जानते हैं क्या है गडकरी का प्लान और इसमें कितने रुपये हो रहे खर्च।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं 1.5 लाख लोगों की जान लेती हैं और इसमें 3 लाख से अधिक घायल लोग घायल हो जाते हैं। हालांकि, सरकार का टार्गेट साल 2024 के अंत तक दुर्घटनाओं और मौतों को 50 प्रतिशत तक कम करने का है।

ब्लैक स्पॉट को ठीक करने के लिए खर्च हो रहे 25 हजार करोड़

मंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट (जहां कई दुर्घटनाएं हुई हैं) को हटाने के लिए अब तक 25,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की मदद से सरकार भी है 15,000 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।

क्या होता है ब्लैक स्पॉट

जिस जगह पर कई सड़क हादसे होते हैं उस जगह को ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है। इन जगहों की सड़कों को एक्सपर्ट की टीम देखेगी। ये वो जगहें हैं जहां बार-बार एक्सीडेंट्स होते हैं। किसी एक स्पॉट पर तीन साल में पांच रोड एक्सीडेंट्स हो जाएं या किसी स्पॉट पर 3 साल में 10 मौतें हो जाएं तो उसे Black Spot माना जाता है।

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