International Women's Day 2019: किसी ने मां बनने के बाद तो किसी ने कम उम्र में बनाया ड्राइविंग को जुनून

माउंटेंनिंग बाइकिंग प्रोफेशनल फाइटिग और कार रेसिग से लेकर हवाई जहाज उड़ाने का जज्बा दिखाने वाली इन महिलाओं ने न केवल अपने आप को साबित किया है बल्कि अन्य महिलाओं के लिए मिसाल भी पेश की है

By Ankit DubeyEdited By: Publish:Fri, 08 Mar 2019 08:02 PM (IST) Updated:Sat, 09 Mar 2019 12:00 PM (IST)
International Women's Day 2019: किसी ने मां बनने के बाद तो किसी ने कम उम्र में बनाया ड्राइविंग को जुनून
International Women's Day 2019: किसी ने मां बनने के बाद तो किसी ने कम उम्र में बनाया ड्राइविंग को जुनून

नई दिल्ली (अंकित दुबे)। एक जमाना था जब महिलाओं के लिए कुछ विशेष क्षेत्र ही निर्धारित थे जहां माना जाता था कि वे बेहतर तरीके से काम कर सकती हैं। लेकिन शहर की कुछ महिलाओं ने मिथकों को तोड़ते हुए कुछ ऐसे क्षेत्रों में सफलता हासिल की थी जिनपर पुरुषों का एकाधिकार था। माउंटेंनिंग, बाइकिंग, प्रोफेशनल फाइटिग और कार रेसिग से लेकर हवाई जहाज उड़ाने का जज्बा दिखाने वाली इन महिलाओं ने न केवल अपने आप को साबित किया है बल्कि अन्य महिलाओं के लिए मिसाल भी पेश की है। ऐसे में आज हम ऑटो जगत से जुड़ी कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।

बानी यादव

अक्सर कार रेसिंग जैसे शौक पुरुषों के होते हैं और महिलाओं को हमेशा एक बुरा ड्राइवर समझा जाता है। अब बदलाव की बयार में मिथक टूट रहे हैं। महिला कार रेसर बानी माथुर यादव ने न केवल ड्राइविग को शौक बनाया बल्कि जुनून की हद तक जाकर अपने इस हुनर को निखारा भी है। बता दें, बानी एक मां है और इनके बेटे अर्जुन भी एक बेहतरीन कार रेसर हैं। बानी ने कार रेसिंग के अलावा भी हर उस फील्ड में पुरुषों का एकाधिकार तोड़ना चाहा जहां महिलाएं आगे नहीं आती थी। हर तरह के खेलों से लेकर राइडिग व ड्राइविग तक में उन्होंने एक के बाद एक रैलियां जीतकर यह साबित कर दिया। बानी के पिता का नाम ओनकार साहाय माथुर है और इन्हें मॉडिफाई कारों से बहुत लगाव है। बानी हाल ही में 2018 में लेडीज नेशनल ऑटोक्रॉस चैम्पियन रही हैं। इसके अलावा उन्हें वर्ष 2015 में IRC एशिया कप में सबसे तेज महिला चालक के रूप में आंका गया था। बानी को भारत के 69 वें गणतंत्र दिवस पर हरियाणा राज्य सरकार द्वारा 2017 के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है।

मीरा एरडा

मीरा की उम्र इस वक्त महज 18 वर्ष है और ये एक गो कार्टिंग रेसर हैं। मीरा एरडा को पहली बार उनके पिता ने 9 साल की उम्र में कार्टिंग ट्रैक से जोड़ा था और आज यह एक सफल गो कार्टिंग रेसर बन चुकी हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भी एक इस्ट्रक्टर के रूप में रेड बुल कैच अप के नेशनल फाइनल्स को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित किये जाने को लेकर मीरा एरडा ने उन महिलाओं के लिए कहा जो गो कार्ट रेसिंग तो करना चाहती हैं, लेकिन डरती हैं। मीरा का कहना है कि इन लड़कियों में पैशन होना जरूरी है और अगर वह किसी मुकाम को हासिल करना चाहती हैं तो उन्हें डरना नहीं चाहिए और अब जब लड़कियां बढ़ चढ़कर कार रेसिंग में हिस्सा ले रही हैं तो ज्यादा से ज्यादा संख्या में रेसिंग के लिए आगे आना चाहिए। मीरा ने आगे कहा, "अगर आपके अंदर टेलेंट है तो आप जरूर आगे आना होगा और खुद को प्रूफ करना होगा, ज्यादा सपोर्ट आपको नहीं मिलेगा।"

खुशबू गुप्ता

खुशबू गुप्ता ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में रुढ़ियों को तोड़ने वाली महिलाओं का एक जीता जागता उदाहरण हैं। वो वर्तमान में किया मोटर्स के पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट को संभाल रही हैं और अपने नेतृत्व में कंपनी की ब्रैंड कम्युनिकेशंस स्ट्रैटजी को भी सफलतापूर्वक अंजाम दे रही हैं, जिसमें वो अपने मजबूत कैंपेनों के जरिए भारत में कंपनी के ब्रैंड की यूनीक पोजीशनिंग कर रही हैं। कारों के प्रति अपनी दीवानगी को बनाए रखते हुए खुशबू किया मोटर्स के प्रति भी उतनी ही दीवानगी रखती हैं। इसके साथ ही वो भारत में किया ब्रैंड को सफल बनाने में भी शिद्दत से काम कर रही हैं। मोटरस्पोर्ट्स सेगमेंट के साथ अपने करियर की शुरुआत करते हुए जेके टायर को इंडस्ट्री में लीडर के तौर पर सफलतापूर्वक स्थापित करने वाली खुशबू ने अतीत में जिन ब्रांडों का नेतृत्व किया है, उनकी यूनीक पोजीशनिंग के लिए कम्युनिकेशंस स्ट्रैटजी डिपार्टमेंट का भी सफल नेतृत्व किया है।

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