दिल्ली सरकार 35% इलेक्ट्रिक ऑटो परमिट को करेगी महिलाओं के लिए आरक्षित, ईवी पॉलिसी का भी मिलेगा लाभ

वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाले ऑटो की संख्या पर एक लाख की सीमा है। रिपोर्ट के मुताबिक परिवहन विभाग ने अब तक 95000 से अधिक परमिट जारी किए हैं और शेष 4200 से अधिक ई-ऑटो के लिए आरक्षित किए हैं

By BhavanaEdited By: Publish:Thu, 19 Aug 2021 10:30 PM (IST) Updated:Thu, 19 Aug 2021 10:30 PM (IST)
दिल्ली सरकार 35% इलेक्ट्रिक ऑटो परमिट को करेगी महिलाओं के लिए आरक्षित,  ईवी पॉलिसी का भी मिलेगा लाभ
राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाले ऑटो की संख्या पर एक लाख की सीमा है।

नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। महिला सशक्तिकरण की दिशा में, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत सब्सिडी देने के अलावा, महिला आवेदकों को 4,200 से अधिक ई-ऑटो परमिट में से 35 प्रतिशत जारी करने की योजना बनाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 1997 में दिल्ली सरकार को नए ऑटोरिक्शा परमिट की कुल संख्या को फ्रीज करने और किसी भी मौजूदा परमिट को बदलने के लिए नए परमिट जारी करने का निर्देश दिया था।

वहीं वर्तमान में, राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाले ऑटो की संख्या पर एक लाख की सीमा है। रिपोर्ट के मुताबिक परिवहन विभाग ने अब तक 95,000 से अधिक परमिट जारी किए हैं, और शेष 4,200 से अधिक ई-ऑटो के लिए आरक्षित किए हैं, ताकि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जा सकें। विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि "ई-ऑटो के लिए 4,200 से अधिक परमिटों में से 35 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पहले कहा था कि दिल्ली सरकार जल्द ही ई-ऑटो के पंजीकरण की सुविधा शुरू करेगी जो उनके सीएनजी विकल्प की तुलना में 29,000 रुपये तक बचा सकती है। इस बात से सभी परिचित हैं, कि राज्य सरकारें अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत ई-ऑटो, ई-रिक्शा और ई-कार्ट सहित इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों को अपनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

दिल्ली की बात करें तो इसकी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत वर्तमान में 177 तिपहिया मॉडल उपलब्ध हैं। बता दें, दिल्ली में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में तिपहिया वाहन प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक हैं, और सरकार द्वारा पेश की गई पॉलिसी इस खंड को बैटरी से चलने वाले तिपहिया वाहनों में बदलने पर विशेष ध्यान देती है। कुछ ​अधिकारियो का मानना है, कि सड़क पर रोजाना 12 से 16 घंटे तिपहिया वाहन दौड़ते हैं। ऐसे में इस खंड पर दिल्ली ईवी नीति का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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