Move to Jagran APP

Parenting Tips: बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए उन्हें जरूर सिखाएं ये अच्छी आदतें

बच्चों में बचपन से ही अच्छी आदतें डाली जाए तो वे बड़े होने के बाद भी उन संस्कारों को नहीं भूलते और अच्छे इंसान बनते हैं। इसलिए बच्चों के जीवन के शुरुआती वर्षों में ही उन्हें अच्छी आदतों के बारे में बताना चाहिए जो आगे चलकर भी उनके काम आएंगे। जानें बच्चों के व्यवहार में किन जरूरी बातों को शामिल करना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Swati Sharma Published: Sun, 25 Feb 2024 10:02 AM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2024 10:02 AM (IST)
बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सिखाएं ये अच्छी आदतें

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Parenting Tips: कोई भी बच्चा एक कच्चे घड़े की तरह होता है, जिसके व्यक्तित्व के निर्माण की जिम्मेदार उसके माता-पिता की होती है। बच्चे में कैसे गुण आएंगे, इसके पीछे काफी बड़ी और अहम भूमिका पेरेंट्स निभाते हैं। इसीलिए बच्चे अपने माता-पिता का आईना होते हैं क्योंकि उनमें उनके संस्कारों की छवि दिखती है। कई बार छोटे बच्चे कुछ ऐसी बातें या कुछ ऐसा काम कर जाते हैं, जिस पर सभी को गर्व होता है। इसका कारण है, उनके पैरेंट्स जिन्होंने उन्हें इतने अच्छे संस्कार दिए हैं। इसलिए बच्चों को ऐसी आदतें सिखानी चाहिए, जिनकी मदद से वे आगे चलकर अच्छे व्यक्ति बनें और बड़ों व छोटों का सम्मान करें। कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो ऐसे बच्चों में देखने को मिलती है। आइए जानते हैं, बच्चों के इन्हीं अच्छी आदतों के बारे में।

loksabha election banner

आभार व्यक्त करना

बच्चों की सबसे अच्छी आदत होती है आभार व्यक्त करने की। वे अपने माता-पिता या किसी भी रिलेटिव द्वारा किए गए छोटे से छोटे उपकार को मानते हैं और बदले में धन्यवाद, थैंक यू या आभार व्यक्त करना जानते हैं और सबके प्रति कृतज्ञ भी होते हैं।

सहानुभूति की भावनाएं विकसित होना

सहानुभूति और केयरिंग होना अच्छे बच्चों की पहचान होती है। वे किसी भी व्यक्ति की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे में उनके द्वारा की गई हेल्प की आपको सराहना करनी चाहिए। इससे उनकी औरों की मदद करने की भावना और मजबूत होगी।

यह भी पढ़ें: क्या आपके बच्चे भी आपकी हर बात को कर देते हैं अनसुना, तो हो सकती हैं ये 4 वजह

अपनी विचारधारा प्रकट करना

बच्चों द्वारा खुद की बातों को सबके सामने पेश करना उनकी कौशलता की निशानी है। अगर इसमें कहीं कोई कमी है तो इसमें आपतको उनकी मदद करनी चाहिए ताकि वे अपने मन की बात को सबके सामने खुलकर व्यक्त कर सकें। हालांकि, इस दौरान इस बात का ख्याल रखें कि आप उनके विचार न बदलें, लेकिन अगर कुछ गलत है, तो उसमें सुधार जरूर करें।

जिम्मेदारियों की समझ

बच्चों को उनकी जिम्मेदारियों की समझ होती है। उन्हें यह पता होता है कि बड़े होकर उन्हें भी कुछ करना है ओर अपने छोटे भाई-बहनों का खयाल रखते हुए उनका रोल मॉडल बनना है।

अपनी लिमिट और वक्त का खयाल रखना

बच्चे अपनी लिमिट का बखूबी खयाल रखते हुए समय के पाबंद होते हैं। तय समय में अपना काम पूरा कर लेते है। उन्हें इस बात के बारे में पता होना चाहिए कि समय मूल्यवान है और इसे बरबाद न करें।

दया की भावना

ऐसे बच्चों में दया का भाव भी होता है, फिर वे चाहे इंसान के प्रति हो या फिर जानवर के प्रति।

धैर्य रखना

ऐसे बच्चे में पेशेंस भी होता है। जैसे वे अगर कुछ खाने की चीज मिल रही है, तो वे अपने भाई-बहन से छीनकर नहीं खाएंगे बल्कि, अपनी बारी का इंतजार करेंगे। उनका धैर्य उनकी पहचान होती है।

यह भी पढ़ें: बच्चों को डांटने के दौरान ना कहें ये बातें, जो डाल सकती हैं उनके मन पर बुरा असर

Picture Courtesy: Freepik


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.