दिमाग के लिए स्ट्रेस बस्टर हैं पुराने शो, रीवॉच करने के 5 गजब के फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप
नए शो या फिल्म देखते समय जहां हमें कहानी और उनके किरदारों की हर बारीकी बड़े ही ध्यान से देखनी और समझनी पड़ती है, वहीं पुराने शोज या फिल्मों के साथ यह लोड नहीं होता। उनके जाने-पहचाने जोक्स, तकियाकलम और किरदार हमारा मूड बेहतर बना देते हैं और स्ट्रेस दूर करने में हमारी मदद करते हैं।

पुराने शोज देखने के फायदे: क्या कहता है साइंस? (Picture Credit- AI Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आपने कई लोगों को पांच, दस साल या उससे भी पहले के शोज़ या फिल्मों को बड़े ही इत्मीनन से मुस्कुराते–हंसते हुए वॉच करते हुए देखा होगा। लोगों का मानना है इतनी भागदौड़, शोर-शराबे के बीच अपने फेवरेट पुराने शो देखना पुराने दोस्तों से मिलने जैसा होता है।
इससे वैसी ही खुशी और सुकून का एहसास होता है। आइए जानते हैं पुराने शोज या फिल्में देखने की आदत कैसे हमारी मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाने का काम करती है।
दिमाग पर नहीं पड़ता है जोर
अगर हम देखे हुए प्रोग्राम ही दोबारा देखते हैं तो हमारे थके हुए दिमाग को ब्रेक मिल जाता है। ऐसा ज्यादातर कॉमेडी या फिर हल्के-फुलके शोज देखकर होता है।
तनाव और एंग्जायटी होती है कम
एक तरफ जहां जीवन में अचानक आने वाली परेशानियां या परिस्थितियां परेशान कर देती हैं, वहीं पहले देखे गए शो देखना राहत दे जाती है। हमें पता होता है कि किस एपिसोड के अंत में क्या होने वाला है और किस तरह के ट्विस्ट सामने आएंगे। तनाव या एंग्जायटी की स्थिति में यह हमें एक नियंत्रण का एहसास कराता है।
इमोशन पर काबू
जब हम उदास होते हैं या किसी समस्या का हल नहीं मिल रहा होता है तो कोई शो रीवॉच करने से हमें अपने इमोशन्स को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हम जानते हैं कि उस शो में भी किसी किरदार ने कठिनाइयों को पार किया था और अंत में सबकुछ अच्छा ही होता है। इससे हमें उम्मीद की किरण नजर आती है और जिंदगी थोड़ी आसान लगने लगती है।
मूड एकदम से हो जाता है ठीक
अपने पसंदीदा पुराने शोज के हंसी-मजाक वाले सीन देखकर मूड एकदम हैप्पी हो जाता है। इससे हमारे दिमाग को डोपामाइन मिलता है, जोकि एक हैप्पी हॉर्मोन है।
अपना-सा लगता है
भले ही उन शोज के किरदार वास्तविक न हों, लेकिन हम उनसे एक गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। यह जुड़ाव आपको राहत और अपनेपन का एहसास कराता है।
बोरियत और अकेलापन होता है दूर
इससे जुड़ी एक रिसर्च बताती है कि पुराने शोज रीवॉच करने से यादें ताजा हो जाती हैं और हमारी बोरियत व अकेलापन दूर हो जाता है। खासकर अगर हम घर से दूर रह रहे हों।
कुछ हैं नुकसान भी
कभी-कभार यादों को ताजा करने या सुकून पाने के लिए पुराने शोज या फिल्में देखना ठीक है लेकिन यह हर बार परेशानियों से बचने का तरीका नहीं होना चाहिए। भले ही पुराने शोज आपको सुकून देते हों लेकिन नई चीजें या नए अप्रोच को सीखने का मौका भी हम गंवाते हैं। बार-बार एक ही चीज देखना हमें कुछ नया नहीं सिखाता, बल्कि यह परेशानियों का सामना न कर पाने का हथियार बन जाता है।

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