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World Health Day 2024: क्यों ज्यादातर महिलाओं हो जाती है Anemia का शिकार, एक्सपर्ट ने साझा किए इसके कारण

एनीमिया से कई महिलाएं पीड़ित हैं जिसके कारण उनका रोज का जीवन भी काफी प्रभावित होता है। इस कंडिशन में शरीर में खून की कमी होने लगती है जिस वजह से कमजोरी चक्कर आना सांस फूलने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए World Health Day 2024 के मौके पर हमने एक्सपर्ट से यह जानने की कोशिश की कि आखिर क्यों महिलाओं में ही ज्यादातर एनीमिया की समस्या होती है।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Sun, 07 Apr 2024 12:02 PM (IST)
World Health Day 2024: क्यों ज्यादातर महिलाओं हो जाती है Anemia का शिकार, एक्सपर्ट ने साझा किए इसके कारण
एक्सपर्ट ने बताए एनीमिया के कारण और बचाव के तरीके

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Health Day 2024: हर साल 07 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है। इस दिन स्वास्थय से जुड़ी समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करने और स्वस्थय जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के लिए काम किया जाता है। इस साल की थीम "My Health, My Right" है, जिसमें स्वास्थय को व्यक्ति के मूलभूत अधिकारों में शामिल किए जाने पर जोर दिया जा रहा है।

वैसे तो स्वास्थय से जुड़ी कई समस्याएं हैं, जिनके खिलाफ सावधानी बरतने की जरूरत है, लेकिन Anemia एक ऐसी बीमारी है, जिससे काफी महिलाएं पीड़ित हैं। यह समस्या काफी गंभीर है, लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखकर इससे बचाव किया जा सकता है।   

Anemia एक गंभीर समस्या है, जो शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी के कारण होता है। रेड ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन होता है, जो ऑक्सीजन को कैरी करने का काम करता है, लेकिन रेड ब्लड सेल्स की कमी की वजह से शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंच पाता।

ऑक्सीजन की कमी होने के कारण, शरीर में एनर्जी की कमी होने लगती हैं, जिसके कारण थकान, चक्कर आना, सांस फूलना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऑक्सीजन की कमी से शरीर के अन्य अंग भी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाते। एनीमिया कई प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग वजहों से हो सकते हैं, लेकिन इनमें Iron-Deficiency Anemia सबसे सामान्य है।

Anemia के ज्यादातर मामले महिलाओं में देखने को मिलते हैं। वह भी खासकर भारतीय महिलाओं में, लेकिन ऐसा क्यों होता है और कैसे इस समस्या को दूर किया जा सकता है। इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए हमने मेट्रो अस्पताल, नोएडा, के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के निदेषक और प्रमुख, डॉ. आर. के. चौधरी से बात की। आइए जानते हैं इस बारे में उनका क्या कहना है।

डॉ. चौधरी ने बताया कि भारतीय महिलाओं में एनीमिया की शिकायत होना काफी आम बात है। एनीमिया, जिसे आम भाषा में लोग खून की कमी कह देते है, कई महिलाओं में पाई जाती है, खासकर गांव-देहात में रहने वाली लेडिज में यह समस्या काफी देखने को मिलती है। वैसे तो इसकी कई वजहें हो सकती हैं, लेकिन इन कारणों में सबसे आम है, पोषक तत्वों की कमी होना।

Anemia

क्यों होता है एनीमिया?

आयरन की कमी

वे महिलाएं, जिनकी डाइट में आयरन की कमी होती है, उनमें एनीमिया का खतरा काफी ज्यादा होता है। इसके कारण ही आयरन डेफिशिएंसी के मामले सबसे अधिक देखने को मिलते हैं। इसलिए आयरन से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल करना बेहद जरूरी होता है। पालक, ब्रोकली, चुकंदर, शकरकंद, अंजीर आदि में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।

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हुकवॉर्म इन्फेक्शन

आयरन की कमी के अलावा, एनीमिया का एक बड़ा कारण हुकवॉर्म इन्फेक्शन भी हो सकता है। दरअसल, हुकवॉर्म एक पैरासाइट होता है, जो आंतों को इन्फेक्ट करता है। इस वजह से खाने से आयरन अब्जॉर्पशन में कमी होने लगती है। यानी आपका शरीर खाने से आयरन को अब्जॉर्ब नहीं कर पाता। इसके कारण शरीर में आयरन की कमी होने लगती है और एनीमिया हो सकता है। हुकवॉर्म के अलावा, HIV संक्रमण और मलेरिया होने की वजह से भी आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया हो सकता है।

विटामिन-बी12 की कमी

आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया के अलावा, परनिशियश एनीमिया भी काफी साधारण है। यह शरीर में विटामिन-बी12 की कमी की वजह से होता है। यह ज्यादातर शाकाहारी लोगों को होता है क्योंकि इस पोषक तत्व का मुख्य स्त्रोत जानवरों से मिलने वाला भोजन है, जैसे अंडे, कलेजी, सार्डिन, टूना, ओएस्टर्स, साल्मन आदि। हालांकि, शाकाहारी लोग भी अपनी डाइट में फॉर्टिफाइड दूध, दही, पालक, चीज आदि को शामिल करके, विटामिन-बी12 की कमी को दूर कर सकते हैं।

कैसे कर सकते हैं एनीमिया से बचाव?

एनीमिया की वजह से व्यक्ति के रोज के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। अगर यह गंभीर रूप ले ले या लंबे समय तक इसका इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि इस बीमारी से बचाव किया जाए। एनीमिया से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि इस बारे में लोगों को बताया जाए। जानकारी के आभाव की वजह से लोग इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लेते हैं।

इसलिए स्कूल, कॉलेज, गांवों आदि में लोगों को इस बारे में जागरूक करना चाहिए। इस बीमारी से बचाव के लिए स्कूलों में सरकार द्वारा आयरन की गोलियां भी मुहैया करवाई जाती हैं। साथ ही, आयरन और विटामिन-बी12 से भरपूर खाना खाएं या अच्छी डाइट लेने के बावजूद इनकी कमी दूर न होने पर डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि वे आपके सप्लीमेंट्स दे सकें और इसका कारण पता लगा सकें। साथ ही, समय-समय पर डिवॉर्मिंग भी करनी चाहिए, ताकि हुकवॉर्म जैसे पैरासाइट्स शरीर में घर न बना सकें। इसके लिए भी डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।

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Picture Courtesy: Freepik