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Covid Nasal Vaccine: अब आप भी लगवा पाएंगे कोविड की नेज़ल वैक्सीन, जानें कैसे करती है काम?

Covid Nasal Vaccine भारत के वैक्सीन सेंटर्स में कोवैक्सीन और कोविशील्ड के अलावा नेज़ल वैक्सीन भी अब से उपलब्ध होगीं। भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई नेज़ल वैक्सीन उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जिन्हें इंजेक्शन का फोबिया है। आइए जानें कि नेज़ल वैक्सीन क्या होती है?

By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezPublished: Fri, 23 Dec 2022 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 23 Dec 2022 03:17 PM (IST)
Covid Nasal Vaccine: जानें आखिर क्या होती है कोविड नेज़ल वैक्सीन?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Covid Nasal Vaccine:  केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि भारत बायोटेक नेज़ल वैक्सीन को बूस्टर डोज़ के तौर पर मंजूरी दे दी गई है। भारत बायोटेक की इंट्रानेज़ल कोविड वैक्सीन प्राइवेट सेंटर्स पर उपलब्ध होगी। साथ ही इसका ऑप्शन शुक्रवार शाम से CoWIN पोर्टल पर भी नज़र आने लगेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार ने नेज़ल वैक्सीन को मंज़ूरी दे दी है। इसका इस्तेमाल एक हेटेरोलोगस बूस्टर के तौर पर किया जाएगा, जो 18 साल से ज़्यादा की उम्र के लोगों को लगाई जाएगी। और पहले प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध होगी। इसे आज से ही कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल कर दिया जाएगा।

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क्या होती है नेज़ल वैक्सीन?

जैसा कि नाम से ज़ाहिर है कि नेज़ल वैक्सीन को इंजेक्शन की मदद से नहीं लगाया जाता, इसकी बूंदें व्यक्ति की नाक या मुंह में डाली जाती हैं। इस वैक्सीन की म्यूकोसल लाइनिंग पर काम करने की उम्मीद है। जिससे मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया शुरू होगी और वायरस को हमला नहीं करने देगी। ऐसा माना जा रहा है कि यह वैक्सीन इन्फेक्शन को मानव शरीर में एंट्री ही नहीं करने देगी, जिससे इसका प्रसार नहीं होगा। नेज़ल वैक्सीन इन्जेक्शन के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। खासतौर से छोटे बच्चों या बुज़ुर्गों के लिए जिन्हें ट्रायपानाफोबिया यानी सूई से दहशत है।

नेज़ल वैक्सीन के क्या फायदे हैं?

  • इसे लगाना आसान है, क्योंकि इसमें सूई का इस्तेमाल नहीं होता।
  • सूई का उपयोग न होने से कई तरह के जोखिम कम हो जाते हैं, जैसे चोट और संक्रमण।
  • क्योंकि इसे लगाना आसान है, इसलिए इसके लिए ट्रेन्ड हेल्थकेयर वर्कर की ज़रूरत नहीं पड़ती।

क्या नेज़ल वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स हैं?

  • तीसरे फेज़ के क्लीनिकल ट्रायल में 3000 प्रतिभागी शामिल थे। जिन्हें 4 हफ्ते के अंतर से दो डोज़ दी गई थीं। इन डोज़ के बाद लोगों में इम्यूनिटी अच्छी देखी गई थी।
  • इस वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स में सिर दर्द, बुखार, नाक बहना, छींकें देखी गईं। जबकि गंभीर एलर्जिक इन्फेक्शन कम ही लोगों में दिखे।

किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए नेज़ल वैक्सीन?

कंपनी की सलाह है कि नेज़ल वैक्सीन की डोज़ उन लोगों को नहीं लेनी चाहिए जिन्हें:

  1. वैक्सीन के किसी सामग्री से एलर्जी हो।
  2. वैक्सीन की पिछली डोज़ के बाद गंभीर एलर्जी रिएक्शन हुए हों।
  3. इस वक्त गंभीर इन्फेक्शन या फिर बुखार हों।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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