Research: बड़े काम का है अदरक! आटोइम्यून संबंधी बीमारियों को ठीक करने में हो सकता है सहायक
अदरक का प्रयोग न्यूट्रोफिल को एनईटीओसिस के प्रति और प्रतिरोधी बनाता है क्योंकि एनईटीओसिस सूजन व थक्के के उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। इसकी वजह से कई तरह की आटोइम्यून बीमारियां होने की आशंका होती है। कई ऐसी बीमारियां हैं जिनमें न्यूट्रोफिल असामान्य रूप से अतिसक्रिय पाए जाते हैं। शोध में यह पाया गया कि अदरक एनईटीओसिस को दबाने का कार्य करती है।
एक शोध में सामने आया है कि अदरक से बना सप्लीमेंट आटोइम्यून बीमारी को ठीक करने में लाभदायक साबित हो सकता है। इससे सूजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। शोधकर्ताओं ने अदरक का न्यूट्रोफिल (सफेद रक्त कोशिकाओं का प्रकार) पर असर को लेकर अध्ययन किया।
शोधकर्ता न्यूट्रोफिल एक्ट्रासेलुलर ट्रैप (एनईटी) के निर्माण को लेकर अध्ययन के लिए उत्सुक थे। इसे एनईटीओसिस भी कहा जाता है। आटोइम्यून बीमारी में प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की रक्षा के बजाय गलती से उस पर हमला करने लगता है। यह स्पष्ट नहीं है कि प्रतिरक्षा प्रणाली ऐसा क्यों करती है। 100 से अधिक ज्ञात आटोइम्यून बीमारियां हैं।
आमतौर पर ल्यूपस, रुमेटीइड गठिया, क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस आदि इसके उदाहरण हैं। यह शोध जर्नल जेसीआइ इनसाइट में प्रकाशित किया गया है।
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कई बीमारियों से लड़ने का प्राकृतिक तरीका
इसमें कहा गया है कि अदरक का प्रयोग न्यूट्रोफिल को एनईटीओसिस के प्रति और प्रतिरोधी बनाता है क्योंकि एनईटीओसिस सूजन व थक्के के उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। इसकी वजह से कई तरह की आटोइम्यून बीमारियां होने की आशंका होती है। कई ऐसी बीमारियां हैं जिनमें न्यूट्रोफिल असामान्य रूप से अतिसक्रिय पाए जाते हैं। शोध में यह पाया गया कि अदरक एनईटीओसिस को दबाने का कार्य करती है, जिससे यह कई बीमारियों से लड़ने का प्राकृतिक तरीका भी बन जाता है