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हृदय रोग में भी सुरक्षा देता है फ्लू का टीका, हार्ट फेल्यर की स्थिति में कम करता है मौत का खतरा

लेखक सलीम यूसुफ का कहना है कि हार्ट फेल्यर के रोगियों के लिए तो फ्लू का टीका मानक प्रैक्टिस होनी चाहिए। हृदय रोगों से मौत का खतरा 16-17 प्रतिशत तक कम होने के साथ ही अस्पताल में भर्ती होने आशंका भी काफी कम हो जाती है।

By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalPublished: Thu, 17 Nov 2022 10:54 AM (IST)Updated: Thu, 17 Nov 2022 10:54 AM (IST)
निमोनिया में 40 प्रतिशत और भर्ती की स्थिति में भी 15 प्रतिशत की कमी

हैमिल्टन [कनाडा], एएनआइ। आमतौर पर होने वाले फ्लू को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं। उससे बचाव के लिए टीके को भी अहमियत नहीं देते हैं। लेकिन एक नए अध्ययन में बताया गया है कि फ्लू का टीका न सिर्फ इन्फ्लूएंजा से बचाव करता है, बल्कि वह कार्डियोवस्कुलर (हृदय और धमनी से संबंधित) रोगों से भी जान बचाने में मददगार होता है। द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ नामक जर्नल में प्रकाशित मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की अगुआई में हुए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में बताया गया है कि इन्फ्लूएंजा के टीके हार्ट फेल्यर वाले रोगियों में निमोनिया तथा हृदय और धमनियों से जुड़ी जटिलताएं को भी काफी कम करते हैं।

हैमिल्टन में संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ माइक्रोबायोलाजिस्ट व पैथोलाजी और मालीक्यूलर मेडिसिन के प्रोफेसर तथा इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले मार्क लोएब के मुताबिक, यदि आप हार्ट फेल्यर के शिकार होते हैं तो फ्लू का टीका लेना चाहिए, क्योंकि वह आपकी जान बचाने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि इसकी कम ही सराहना हुई है कि इन्फ्लूएंजा का टीका लोगों को हृदय रोगों से जुड़ी मौत से बचा सकता है।

अध्ययन के मुताबिक, इन्फ्लूएंजा का टीका पूरे वर्ष भर न्यूमोनिया का खतरा 40 प्रतिशत तक तथा हार्ट फेल्यर के रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 15 प्रतिशत तक कम करता है। इन्फ्लूएंजा और ठंड के मौसम में यह वैक्सीन हार्ट फेल्यर के रोगियों में मौत का खतरा 20 प्रतिशत तक कम करता है। फ्लू के मौसम में एकत्र किए गए डाटा से यह बात भी सामने आई कि इसका टीका हार्ट अटैक तथा स्ट्रोक जैसी कार्डियोवस्कुलर जटिलताएं कम करता है।

मैकमास्टर तथा पापुलेशन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ मैकमास्टर एंड हैमिल्टन हेल्थ साइंसेज के साझा क्लीनिकल ट्रायल में शोधकर्ताओं ने अफ्रीका, एशिया तथा मध्य पूर्व के 10 देशों के हार्ट फेल्यर वाले पांच हजार से अधिक रोगियों को ट्रैक किया। इनमें से कुछ लोग नियमित तौर पर इन्फ्लूएंजा का टीका ले रहे थे। इन लोगों ने वार्षिक तौर पर जून 2015 से लेकर 2021 तक टीके लिए थे।

वैसे तो फ्लू को काफी समय से जानलेवा कार्डियोवस्कुलर परेशानियों को बढ़ावा देने वाला माना जाता रहा है। लेकिन लोएब का कहना है कि इस स्थिति में हार्ट फेल्यर वाले लोगों का स्वास्थ्य और भी नाजुक होता है। ऐसे रोगियों की पांच वर्षों में मौत का जोखिम 50 प्रतिशत तक होता है, जबकि प्रति वर्ष कार्डियोवस्कुलर जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आशंका हर वर्ष 20 प्रतिशत अधिक होती है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि मध्य आय वर्ग वाले देशों में जहां दुनियाभर के 80 प्रतिशत कार्डियोवस्कुलर मामले सामने आते हैं, वहां फ्लू टीका लगाए जाने की दर बहुत कम है। इस अध्ययन के लेखक सलीम यूसुफ का कहना है कि हार्ट फेल्यर के रोगियों के लिए तो फ्लू का टीका मानक प्रैक्टिस होनी चाहिए, क्योंकि यह बहुत ही सामान्य, कम खर्चीला तथा सुरक्षित है। हृदय रोगों से मौत का खतरा 16-17 प्रतिशत तक कम होने के साथ ही अस्पताल में भर्ती होने आशंका भी काफी कम हो जाती है।


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