सर्दियों में इन 6 लक्षणों को थकान समझकर न करें अनदेखा, हार्ट से जुड़ी समस्या की हो सकते हैं आहट
सर्दियों की ठंडी हवाएं और सुहावना मौसम किसे पसंद नहीं होता, लेकिन सावधान रहें, क्योंकि जो मौसम आपके मन को सुकून देता है, वही आपके दिल के लिए साल का सब ...और पढ़ें

6 संकेत जो बताते हैं आपके हार्ट को चाहिए खास देखभाल (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सर्दियों की ठंडी हवा भले ही चेहरे पर सुकून लाती हो, लेकिन आपके दिल के लिए यही मौसम कई बार छिपा हुआ खतरा लेकर भी आता है। दरअसल, तापमान गिरते ही शरीर की ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और हार्ट को सामान्य से कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
यही कारण है कि कई लोग इस मौसम में ऐसे लक्षण महसूस करते हैं, जिन्हें अक्सर थकान, ठंड या रोजमर्रा की व्यस्तता समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन ये संकेत हार्ट के लिए आने वाली बड़ी परेशानी के शुरुआती अलार्म हो सकते हैं। आइए, डॉ. अमित पेंढारकर (निदेशक एवं यूनिट हेड - इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका) से जानते हैं ऐसे 6 लक्षणों के बारे में।

सीने में अजीब बेचैनी या भारीपन
सीने का दर्द हमेशा तेज या अचानक नहीं होता। कई लोग इसे भारीपन, जलन, दबाव या कसाव की तरह महसूस करते हैं। सर्दियों में ऑक्सीजन सप्लाई कम होने और ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण ये लक्षण ज्यादा दिख सकते हैं। अगर ठंड में चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर सीने में असहजता महसूस होती है और आराम करने पर ठीक हो जाती है, तो इसे हल्के में न लें।
सांस लेने में तकलीफ होना
सीढ़ियां चढ़ते समय या तेज चलने पर थोड़ी सांस फूलना सामान्य है, लेकिन अगर यह नई समस्या है, लगातार बढ़ रही है या जरूरत से ज्यादा महसूस हो रही है, तो यह हार्ट पर बढ़ते दबाव का संकेत हो सकता है। ठंड में धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे हार्ट को पंपिंग के लिए ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है। यह लक्षण कई बार एलर्जी या अस्थमा समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि हार्ट से जुड़ी सांस फूलना अचानक बढ़ता है और तेज चलने, खाने के बाद या लेटने पर ज्यादा दिखाई देता है।

अचानक थकान या कमजोरी महसूस होना
सर्दियों में थोड़ा सुस्ती आना सामान्य है, लेकिन अगर छोटी-छोटी एक्टिविटीज भी आपको थका दें, तो यह चेतावनी हो सकती है। शरीर तक पर्याप्त खून न पहुंच पाने पर ऐसी कमजोरी महसूस होती है। लोग इसे अक्सर तनाव या नींद की कमी समझ लेते हैं, जबकि यह हार्ट फेलियर का शुरुआती संकेत भी हो सकता है। खासकर ठंड में अचानक बढ़ी थकान पर ध्यान देना जरूरी है।
पैरों या टखनों में सूजन आना
हार्ट जब पूरी क्षमता से पंप नहीं कर पाता, तो शरीर में फ्लूइड जमा होना शुरू हो जाता है। सर्दियों में कम पानी पीना और कम एक्टिविटी करना इस सूजन को और बढ़ा सकता है। जूते टाइट लगना, मोजों के निशान गहरे पड़ना या टखनों के आसपास पफीनेस दिखना- ये सभी हार्ट प्रॉब्लम के संकेत हो सकते हैं।

दिल की धड़कन का अनियमित होना
कुछ लोगों को महसूस होता है कि उनका दिल बहुत तेजी से धड़क रहा है या बीच-बीच में धड़कन छूट रही है। ठंड का तापमान उन लोगों में अनियमित धड़कन को ट्रिगर कर सकता है जिन्हें पहले से हार्ट डिजीज, थाइरॉयड प्रॉब्लम या इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो। कैफीन, तनाव और कुछ सर्दियों की दवाएं (जैसे डीकोन्जेस्टेंट) इसे और खराब कर सकती हैं। अगर आराम करते समय भी धड़कनें असामान्य लगें, तो जांच जरूर कराएं।
चक्कर या हल्का सिर घूमना
सर्दियों में चक्कर आना कई बार डिहाइड्रेशन की वजह से होता है, लेकिन यह ब्रेन को कम ब्लड सप्लाई होने का संकेत भी हो सकता है। यह धमनियों के ब्लॉकेज, कमजोर हार्ट पंपिंग या हार्ट रिद्म गड़बड़ होने से जुड़ा हो सकता है। अगर यह लक्षण बार-बार दिखाई दे या इसके साथ पसीना, सीने में असहजता महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें।
सर्दियों में हार्ट पर बोझ स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है, इसलिए इन संकेतों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। समय रहते इन लक्षणों को पहचानकर आप हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाए रख सकते हैं और गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं।

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