Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sustainable Fashion न जेब पर भारी न ट्रेंड फॉलो करने की मारा-मारी, हर तरह से है बेहतरीन च्वॉइस

    सस्टेनेबल फैशन के बारे में आजकल बहुत ज्यादा सुनने को मिल रहा है लेकिन क्या आप इस फैशन से वाकिफ हैं? सस्टेनेबल फैशन जिसे इको-फैशन या इको-कल्चरल फैशन के रूप में भी जाना जाता है। सस्टेनेबल फैशन कपड़ों के उत्पादन में इस्तेमाल की जाने वाली चीज़ों पर खासतौर से फोकस किया जाता है जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे।

    By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Sun, 10 Mar 2024 04:15 PM (IST)
    Hero Image
    क्या है सस्टेनेबल फैशन और इसकी खासियत

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के दौर में सस्टेनेबेलिटी की तरफ़ सभी का झुकाव बढ़ रहा है। एक सर्वे के अनुसार आज दुनियाभर में इसे लेकर लोगों में बहुत ज्यादा अवेयनेस देखने को मिल रही है, जो यह दिखाता है कि लोग पर्यावरण संरक्षण के बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं। जिसके लिए वो अपनी लाइफस्टाइल से लेकर पहनावे तक में जरूरी बदलाव करने को तैयार हैं। लोगों की ऐसी सोच बहुत बड़ा योगदान दे सकती है पर्यावरण संरक्षण में। अब लोग पर्यावरण के अनुकूल रीसायक्लिंग तथा सस्टेनेबल पैकेजिंग वाले प्रोडक्ट्स चुन रहे हैं। सस्टेनेबिलिटी की तरफ बढ़ता ये झुकाव ऑफिस से लेकर कॉलेज यहां तक कि रैंप पर भी देखने को मिल रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सस्टेनेबल फैशन में सिर्फ कपड़ों पर ही नहीं, बल्कि प्रोडक्शन से जुड़ी हर एक चीज़ में पर्यावरण को किसी तरह का कोई  नुकसान न पहुंचे इसका ध्यान रखा जाता है। आइए जानते हैं सस्टेनेबल फैशन की अन्य खासियतों के बारे में। 

    सस्टेनेबल मटीरियल होता है टिकाऊ

    सस्टेनेबल वर्कवेयर को ओर्गेनिक कॉटन, लिनेन, लैम्प, रीयासकल किए गए फाइबर या इको-फ्रैंडली मटीरियल से बनाया जाता है। ओर्गेनिक कॉटन को उगाने के लिए पेस्टीसाइड, सिंथेटिक फर्टीलाइज़र इस्तेमाल नहीं किए जाते, इससे पर्यावरण प्रदूषण, पानी की खपत एवं उर्जा की ज़रूरत कम हो जाती है। इस्तेमाल की गई चीज़ों जैसे प्लास्टिक की बोतलों से बने रीसायकल्ड पॉलिस्टर से न सिर्फ लैंडफील में जाने वाला वेस्ट कम होता है, बल्कि इससे बनने वाले कपड़े ज्यादा टिकाऊ भी होते हैं।

    प्रोडक्शन का तरीका होता है अलग

    सस्टेनेबल आउटफिट्स बनाने में प्रोडक्शन के आधुनिक तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं। क्लोज़्ड लूप सिस्टम, जहां वेस्ट मटीरियल को इकट्ठा कर फिर से इस्तेमाल किया जाता है, इससे वेस्ट में कमी आती है और रिसोर्सेज़ को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। इन तरीकों से कपड़े बनाना पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने में बेहद कारगर है।

    प्राकृतिक डाई का होता है इस्तेमाल

    सस्टेनेबल आउटफिट्स बनाने में प्राकृतिक डाई का इस्तेमाल किया जाता है जिसे पौधों और प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त किया जाता है। सिंथेटिक डाई के बजाए इस तरह की डाई को बनाने में केमिकल्स का इस्तेमाल कम होता है, साथ ही पानी के रिर्सोसेज़ भी प्रदूषण से सुरक्षित रहते हैं। 

    ध्यान देने योग्य बातें

    सस्टेनेबल कपड़े बनाने में ओर्गेनिक कॉटन, हैम्प और टेंसल जैसे मटीरियल काम में लिए जाते हैं, इसमें पर्यावरण के लिए सर्टिफिकेशन पर ज़ोर दिया जाता है। ऐसे टिकाऊ और सदाबहार डिज़ाइन चुने जाते हैं कि कपड़ों को बार-बार बदलने की ज़रूरन न पड़े। सस्टेनेबल प्रोडक्शन के द्वारा कार्बन फुटप्रिन्ट को कम करने के प्रयास किए जाते हैं। साथ ही इन्हें इस तरह से बनाया जाता है कि ये आसानी से रीसायकल किए जा सकें। इस तरह उपभोक्ता इको-फ्रैंडली वेयर्स चुनकर सस्टेनेबल फैशन में योगदान दे सकते हैं।

    (Roshan S Bisht, Co-Founder & CEO, Asort.com से बातचीत पर आधारित)

    ये भी पढ़ेंः- जानें तेजी से बदलता फैशन कैसे पहुंचा रहा है वातावरण को नुकसान! 

    Pic credit- freepik