Cyber Crime News: साइबर ठगी के पैसे से खरीदते महंगे मोबाइल, सस्ती दर पर बेचने का करते थे धंधा; पुलिस ने धर दबोचा
Jharkhand Crime News सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है। साइबर थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया धंधा शुरू किया है। अब साइबर अपराधी बैंक का फर्जी एप व वेबसाइट के फर्जी लिंक का बल्कि एसएमएस भेजकर साइबर ठगी कर रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है। उक्त अपराधी विष्णु कुमार मंडल है जो जामताड़ा के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के कुरवा का रहने वाला है। वर्तमान में वह रांची के चुटिया थाना क्षेत्र के कांटाटोली में बंगाली कॉलोनी के गली नंबर-5 में रहता था।
पुलिस ने उसके पास से चार नया मोबाइल बरामद किया है, जिसमें दो आइफोन प्रो मैक्स 15 शामिल हैं। इसके अलावा, साइबर ठगी में इस्तेमाल किया हुआ एक मोबाइल, दो सिमकार्ड और कांड से संबंधित डेटा शामिल हैं।
साइबर थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया धंधा शुरू किया है। साइबर अपराधी अब बैंक का फर्जी एप व वेबसाइट के फर्जी लिंक का एसएमएस भेजकर साइबर ठगी कर रहे हैं।
ठगी के पैसे से जीओ मार्ट व रिलायंस डिजिटल के माध्यम से महंगे मोबाइल की खरीदारी करते हैं। उसे अलग-अलग मोबाइल दुकानों पर जाकर मूल्य दर से कम कीमत पर मोबाइल बेच देते हैं।
उक्त धंधे में ग्रुप के कुछ साइबर अपराधी रांची स्थित अलग-अलग दुकानों पर मोबाइल बेचते थे, साइबर ठगी के लिए अपने साथियों में भी मोबाइल बांटते थे।
इसी सूचना का तकनीकी रूप से जांच के बाद पुलिस ने इसमें शामिल साइबर अपराधी को चिह्नित किया और उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तार विष्णु कुमार मंडल के पास से बरामद मोबाइलों में बैंक का फर्जी एप तथा वेबसाइट के फर्जी लिंक का बल्क मैसेज भेजने के साक्ष्य मिले हैं। कांड से संबंधित डेटा पाया गया, जिसका प्रयोग ये ठगी के लिए करते थे।
पुलिस को छानबीन में जो मिला
साइबर अपराध थाने की पुलिस को छानबीन में फोन के वॉट्सऐप चैट में कई बैंकों के खाते के डिटेल्स के आदान-प्रदान के साक्ष्य मिले। इसकी जांच नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से इंटर स्टेट क्राइम लिंकेज जांच करने पर विभिन्न राज्यों में इंडियन बैंक, एसबीआइ, यूनियन बैंक, पीएनबी बैंक, बैंक आफ इंडिया व एक्सिस बैंक के खाते मिले हैं।
खातों से खरीदारी को ज्यादा सुरक्षित मानते थे साइबर अपराधी
साइबर अपराधी खातों से रुपये निकालने के झंझट में नहीं फंसना चाहते थे। एटीएम से मोटी रकम नहीं निकल सकती थी, बैंकों में जाकर अपनी पहचान उजागर नहीं करवाना चाहते थे। इसलिए साइबर अपराधियों ने महंगे मोबाइल खरीदने का प्लान किया, जो कि उसे कम कीमत पर भी बेचकर अच्छी-खासी रकम प्राप्त कर सकें।
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