Jharkhand: चतरा में टीएसपीसी के दो उग्रवादियों ने किया सरेंडर, ग्यारह लाख के थे इनामी
प्रतिबंधित तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के दो दुर्दांत उग्रवादियों ने सोमवार को यहां हथियार व कारतूसों के साथ आत्मसमर्पण किया है। जिसमें दस लाख का इनामी उग्रवादी रघुवंश गंझू उर्फ चितेरन गंझू व एक लाख का इनामी सब जोनल कमांडर पत्थर गंझू उर्फ लक्ष्मण गंझू का नाम शामिल है।
चतरा, जासं । Jharkhand News, Jharkhand Crime News प्रतिबंधित तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के दो उग्रवादियों ने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें दस लाख का इनामी उग्रवादी रघुवंश गंझू उर्फ चितेरन गंझू व एक लाख का इनामी सब जोनल कमांडर पत्थर गंझू उर्फ लक्ष्मण गंझू शामिल है। एसपी आफिस में उपायुक्त दिव्यांशु झा, पुलिस अधीक्षक ऋषभ कुमार झा, सीआरपीएफ 190वीं बटालियन के कमांडेंट विजय कुमार बंसल एवं अपर पुलिस अधीक्षक अभियान निगम प्रसाद के समक्ष दोनों ने आत्मसमर्पण किया।
रघुवंश ने एक राइफल, एक मैगजीन और दो सौ कारतूस के साथ आत्मसमर्पण किया है। वह मूल रूप से कुंदा थाना क्षेत्र के आसेदीरी गांव का निवासी है। उसके खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में मुठभेड़, मारपीट, हत्या का प्रयास, अपहरण और 17 सीएलए एक्ट आदि धाराओं में सात मामले दर्ज हैं। वहीं, पत्थर चतरा जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र के सकटीटांड का रहने वाला है। उसने एक एसएलआर, 145 कारतूस, एसएलआर का तीन मैगनीज, एक वर्दी और एक एम्युनिशन पाउच भी पुलिस को सौंपा है।
उसके खिलाफ चतरा के अलावा रांची और लातेहार के विभिन्न थानों में चौदह मामले दर्ज हैं। आत्मसमर्पण के बाद पत्रकारों से बातचीत में उपायुक्त दिव्यांशु झा ने कहा कि सरकारी घोषणा के अनुरूप इन्हें योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हथियार किसी समस्या का निदान नहीं है। टीएसपीसी हो अथवा भाकपा माओवादी या फिर दूसरे उग्रवादी-अपराधी संगठन, उनकी कोई नीति या सिद्धांत नहीं है।
संगठन में जाना जीवन की बड़ी गलती थी
आत्मसमर्पण करने वाले दोनों उग्रवादियों ने कहा कि संगठन में जाना उनके लिए जीवन की बड़ी गलती थी। इसका पश्चाताप आत्मसमर्पण से ही संभव था। उन्होंने कहा कि संगठन के नाम पर समाज में दहशत फैलाया जा रहा है। रघुवंश ने संगठन के दूसरे साथियों से अपील करते हुए कहा है कि हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें और परिवार व बच्चों के भविष्य पर फोकस करें।