हाई कोर्ट से परिवहन विभाग के कर्मियों को बड़ी राहत, मिलेंगे ग्रेच्यूटी सहित अन्य लाभ Ranchi News
Jharkhand. अदालत ने नियुक्ति तिथि से सेवा मानते हुए लाभ देने का आदेश दिया है। बिहार राज्य परिवहन निगम के कर्मी झारखंड में समायोजित हुए थे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने झारखंड में बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम के समायोजित कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने समायोजित कर्मियों को नियुक्ति के समय से सेवा मानते हुए उन्हें अर्जित अवकाश, ग्रेच्यूटी सहित पेंशन के भुगतान का आदेश दिया है। अदालत ने राज्य सरकार को सभी तरह का लाभ तीन माह में भुगतान करने का आदेश दिया है।
पूर्व में अदालत ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसको लेकर झारखंड स्टेट नॉन गैजेटेड इंप्लाई फेडरेशन के उमेश कुमार व विद्यानंद सिंह सहित अन्य कर्मियों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। दरअसल, अस्सी के दशक में सभी कर्मचारियों की नियुक्ति बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम में हुई थी।
झारखंड बनने के बाद वर्ष 2004 में कर्मचारियों व विभाग की संपत्ति का बंटवारा कर दिया गया। इसके बाद 791 कर्मी झारखंड में काम करने लगे। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इन कर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का आदेश दिया। सरकार ने वर्ष 2013 में राज्य परिवहन को बंद करते हुए सभी को अन्य विभागों में समायोजित कर दिया। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2011 से ही इनकी नियुक्ति मानते हुए इन्हें लाभ देने का फैसला किया। इसके बाद सभी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।
इस पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने इनके समायोजन व सभी प्रकार के लाभ देने की बात कही और सभी को लाभ भी मिलने लगा। वर्ष 2016 में विभाग ने एक अधिसूचना जारी की। इसमें सभी कर्मियों की नियुक्ति वर्ष 2011 से मानते हुए लाभ देने और पूर्व में लाभ लेने वाले कर्मियों से रिकवरी करने को कहा गया। इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सभी कर्मियों की सेवा बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम से मानते हुए सेवानिवृत्ति, अर्जित अवकाश, ग्रेच्यूटी व रिवाइज पेंशन के भुगतान का आदेश दिया है।
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