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सर्दियों में स्‍वस्‍थ रहना है तो खाएं साग, अपनाएं ये नुस्‍खा Ranchi News

Jharkhand. झारखंड में 52 प्रकार के साग खाए जाते हैं। स्वाद के साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यहां ठंड आते ही साग लोगों की थाली का हिस्सा बन जाता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 04:01 PM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 04:01 PM (IST)
सर्दियों में स्‍वस्‍थ रहना है तो खाएं साग, अपनाएं ये नुस्‍खा Ranchi News
सर्दियों में स्‍वस्‍थ रहना है तो खाएं साग, अपनाएं ये नुस्‍खा Ranchi News

रांची, जासं। झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां लोग 52 प्रकार के साग खाते हैं। देश में इतने प्रकार के सागों को शायद ही किसी दूसरे प्रदेश में खाया जाता होगा। खासकर जब बात चना, मेथी, बथुआ और खेसारी के साग की हो तो शायद ही किसी के मुह में पानी नहीं आए। दिसंबर से लेकर जनवरी तक साग-चावल ही लोगों का पसंदीदा भोजन होता है। हरे-भरे साग हरियाली का एहसास दिलाने के साथ स्वास्थ के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। साग हमारे शरीर को प्रोटीन के साथ फाइबर भी देते हैं।

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बनाने की विधि

चने और खेसारी को उनके कोमल पत्तों को तोड़ा जाता है फिर उसे पानी से धोकर बहुत बारीक काटा जाता है। साग को काटने के बाद उसे कढ़ाही में साधारण पंचफोरन से छौंका लगा कर साग के गलने तक पकाया जाता है। साग को पकाने में मसाले का प्रयोग न के बराबर होता है। साथ हीं अगर चना और खेसारी के साग में बथुवा, मेथी एवं पालक का साग मिला दिया जाए तो साग का जायका बढ़ जाता है। उसके अलावा साग में थोड़ी चिकनाहट भी आ जाती है। इसके बाद इसे मिक्सी या सिलबट्टे पर पीस कर हरी मिर्च, लहसन, अदरक, कच्चा सरसो का तेल और नमक मिलाकर रोटी या चावल के साथ खाया जा सकता है।

चने का साग

चने का साग खाने में पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। चने के साग में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन पाए जाते हैं। यह कब्ज, शुगर, पीलिया आदि रोगों में बहुत फायदेमंद होता है। चने का साग हमारे शरीर में प्रोटीन की आपूर्ति करता है इसलिए इसे प्रोटीन का राजा भी कहा जाता है।

बथुआ का साग

बथुआ का साग कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें बहुत से विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम पाए जाते हैं। बथुआ नियमित खाने से गुर्दे में पथरी होने का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके अलावा गैस, पेट में दर्द और कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है।

मेथी का साग

वहीं मेथी में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, नियासिन, पोटेशियम, आयरन मौजूद होता हैं। इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर आदि भी मिलते हैं जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। मेथी पेट के लिए काफी अच्छी होती है। साथ ही यह हाई बीपी, डायबिटीज, अपच आदि बीमारियों में मेथी का उपयोग लाभकारी होता है।

खेसारी का साग

खेसारी के साग को लेकर ये अफवाह फैल गयी थी कि खेसारी खाने से लोगों में कैंसर होता है। मगर कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए रिसर्च में ये सामने आया कि खेसारी स्वास्थ्य के बेहद लाभदायक है। ये हृदय रोग के उपचार में काफी कारगर है। इसके अलावा कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह भी पढ़ें: Hirni Falls: सैलानियों को आकर्षित करता है हिरणी फॉल, नए साल में लें खूबसूरत वादियों का आनंद


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