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भाजपा विधायकों के तेवर ठंडे, अब नेतरहाट बैठक पर निगाहें

अटकलें इस बात की हैं कि भाजपा के छह विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। इनके नाम का खुलासा नहीं हुआ है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 06 Feb 2018 11:38 AM (IST)Updated: Tue, 06 Feb 2018 11:38 AM (IST)
भाजपा विधायकों के तेवर ठंडे, अब नेतरहाट बैठक पर निगाहें

राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार के खिलाफ मुहिम दिख रही है। वे भाजपा के आला नेताओं के समक्ष अपनी बात रखने रविवार को दिल्ली रवाना हुए थे। दो दिनों में उनकी किसी वरीय नेता से मुलाकात नहीं हो पाई है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात का वक्त मांगा है। सोमवार को उन्होंने लोकसभा जाने की योजना बनाई थी लेकिन नहीं गए।

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छह विधायकों के दिल्ली जाने की अटकलें

इस बीच, अटकलें इस बात की हैं कि भाजपा के छह विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। इनके नाम का खुलासा नहीं हुआ है। ये विधायक अलग-अलग स्थान पर ठहरे हैं। तीन अन्य विधायक मंगलवार को दिल्ली जा सकते हैं। गौरतलब है कि आठ विधायकों ने बीते दिनों मंत्री सरयू राय से मुलाकात की थी। इसे मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ देखा जा रहा था।

दिल्ली होते हुए त्रिपुरा जाएंगे अर्जुन मुंडा

गुजरात चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को त्रिपुरा में भी चुनाव प्रचार की जवाबदेही सौंपी गई है। इस सिलसिले में मुंडा मंगलवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। सात फरवरी को एक निजी शादी समारोह में शिरकत करने के बाद वे आठ को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के लिए रवाना होंगे। यहां वे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करेंगे। त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए 18 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।

शिवशंकर उरांव ने दी सफाई, मीडिया पर भड़के

स्थानीय व नियोजन नीति को लेकर सरकार के खिलाफ तनिक मुखर रुख अपनाने वाले शिवशंकर उरांव अब बैकफुट पर हैं। उरांव ने मीडिया को इस बाबत बकायदा पत्र जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है। कहा कि नियोजन, जिला रोस्टर, आरक्षण नीति को लेकर सत्तासीन दल के जनप्रतिनिधियों द्वारा सामूहिक रूप से अपनी सरकार और सदन के नेता के समक्ष रखे गए प्रस्ताव को मीडिया ने सरकार विरोधी कदम के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया अथवा किया जा रहा है। कहा, जनप्रतिनिधि अपनी सरकार और नेता के समक्ष संवैधानिक और अनुशासनात्मक तरीके से अपनी बात रखेंगे ही, यह उनका धर्म भी है। उसे सरकार विरोधी अथवा असंतुष्ट करार दिया जाना उचित नहीं है। उन्होंने अपने बारे में मीडिया द्वारा असंतुष्ट और विरोधी लिखे जाने पर आपत्ति जताई है। यह भी स्पष्ट किया है कि उन्होंने और अन्य विधायकों ने जो विषय उठाया था उस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल पहल करते हुए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है। इसके लिए उन्होंने सीएम के प्रति आभार भी प्रकट किया है।

सरकार विरोधी तेवर अपनाए विधायकों पर निगाहें

सात फरवरी को नेतरहाट में कैबिनेट की बैठक अपराहन तीन बजे होगी। मंत्री सरयू राय के इस बैठक में शामिल होने पर संशय है। उसी दिन सत्तारूढ़ दलों के विधायकों को भी नेतरहाट आगमन का आमंत्रण मिला है। विधायकों की बैठक को चिंतन शिविर का नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास भी इस बैठक में शामिल होंगे। विधायकों की मिजाजपुर्सी के लिए क्रिकेट और फुटबाल मैच का आयोजन किया गया है। बैठक में उन विधायकों पर खास नजर रहेगी जो सरकार विरोधी तेवर अपनाए हुए हैं।

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