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आउटसोर्स कर्मियों ने रिम्स में दूसरे दिन भी किया हंगामा, बेनतीजा रही वार्ता

रिम्स में आउटसोर्स के तहत बहाल कर्मियों का हंगामा दूसरे दिन भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 07:09 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 07:09 PM (IST)
आउटसोर्स कर्मियों ने रिम्स में दूसरे दिन भी किया हंगामा, बेनतीजा रही वार्ता

जागरण संवाददाता रांची : रिम्स में आउटसोर्स के तहत बहाल कर्मियों का हंगामा दूसरे दिन भी जारी रहा। इसके विरोध में कर्मियों ने रिम्स परिसर में प्रदर्शन भी किया। लेकिन इस दौरान एजेंसी के साथ हुई वार्ता बेनतीजा रही। कर्मियों का कहना था कि उनकी नियुक्ति कोरोना काल में तीन से छह माह के लिए किया था। पर, ऐसा देखने को नहीं मिला। एक महीने तक काम कराने के बाद उन्हें बिना वेतन के हटा दिया गया। टीएंडएम कंसलटिग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा रिम्स में 858 कर्मियों को बहाल किया गया था। उन्होंने ने बताया कि जिन्होंने 11 मई के बाद ज्वाइन किया है उन्हें हटाए जाने का निर्देश दिया गया है। एक तरफ रिम्स प्रबंधन एजेंसी को वेतन देने की बात करती है तो दूसरी तरफ से एजेंसी वेतन देने से पल्ला झाड़ता है। एजेंसी का कहना है उसे सिर्फ मैनपावर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी थी ना कि कर्मियों को वेतन देने की। वेतन देने की जिम्मेदारी रिम्स प्रबंधन की है। इस ऊहापोह की स्थिति में दिन भर कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते रहे।

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दूसरे दिन कर्मियों की आउटसोर्स कंपनी के एचआर अभय तिवारी के साथ वार्ता भी हुई पर वार्ता बेनतीजा रही। अभय तिवारी ने बताया कि 4 मई को एनएचएम के आदेश पर ही कंपनी ने बहाली का जिम्मा लिया था 11 मई तक 858 लोगों को नियुक्त कर दिया गया था। रिम्स और कंपनी के बीच करार में जिक्र किया गया था कि बहाल किए गए कर्मचारियों के पैसे का भुगतान टीएंडएम सर्विसेज कंसलटिग लिमिटेड कंपनी नहीं करेगी।

रिम्स परिसर में तनाव का माहौल देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी। करीब ढाई सौ की संख्या में सुरक्षाबल लगाए गए थे। रिम्स में सैप के जवान आईआरबी के जवान और झारखंड पुलिस के जवान तैनात थे।

हालांकि इस दौरान सैफ अहमद नाम का एक व्यक्ति अपने आपको टीएंडएम सर्विसेज कंसलटिग लिमिटेड का प्रतिनिधि बता कर कर्मचारियों को बरगलाने का काम कर रहा था । बरियातू थाना के एसआई ने बताया कि सैफ अहमद के पास किसी तरह का कंपनी का पत्र नहीं था के बाद भी वह कर्मचारियों के बीच जाकर उन्हें भड़काने का काम कर रहा था।


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