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Hemant Soren: 'हेमंत सोरेन के ऑर्डर पर ही...' पूर्व CM का यह करीबी ED के सामने उगल रहा सारे राज

जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी ने विशेष अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और चार अन्य के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक हेमंत सोरेन के तत्कालीन मीडिया सलाहकार पिंटू ने स्वीकार किया है कि हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही उन्होंने सीएमओ में कार्यरत उदय शंकर को बरियातू की विवादित जमीन का सत्यापन का निर्देश दिया था।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Published: Thu, 04 Apr 2024 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2024 06:02 PM (IST)
पूर्व CM हेमंत सोरेन के मीडिया सलाहकार पिंटू ने ईडी के सामने कई अहम जानकारी दी। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। Ranchi Land Scam News । जमीन घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने रांची स्थित विशेष अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व चार अन्य पर दाखिल आरोप पत्र में कई सनसनीखेज खुलासा किया है। ईडी की चार्जशीट में इस बात का जिक्र है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मित्र सह तत्कालीन मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ने उनके हर जुर्म में उनका सहयोग किया।

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पिंटू ने 18 मार्च को ईडी की पूछताछ में यह स्वीकार किया कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही उन्होंने सीएमओ में कार्यरत उदय शंकर को बरियातू की विवादित 8.86 एकड़ जमीन का सत्यापन का निर्देश दिया था। उदय शंकर सीएमओ में पिंटू के पीए के रूप में काम करता था। पिंटू ने पूर्व मुख्यमंत्री की दो अन्य अचल संपत्तियों का भी खुलासा किया है, जिसकी जांच अब ईडी कर रही है।

तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पिंटू ने जब उदय शंकर को बरियातू की उक्त जमीन के सत्यापन का निर्देश दिया तो उदय शंकर ने भी बड़गाईं के तत्कालीन अंचलाधिकारी मनोज कुमार को उक्त जमीन का सत्यापन करने को कहा था।

इसके बाद तत्कालीन अंचलाधिकारी मनोज कुमार ने तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को सीएमओ के उक्त आदेश को निष्पादित करने का निर्देश दिया था। भानु प्रताप प्रसाद उक्त अचल संपत्ति पर अवैध कब्जे से जुड़ी गतिविधियों में हेमंत सोरेन की मदद कर रहे थे।

ईडी ने विशेष अदालत को बताया है कि बरियातू की उक्त विवादित जमीन 2010 में सोरेन के अवैध कब्जे में थी। वे इस जमीन को कानूनी रूप से कब्जा में लेने के लिए फर्जी कागजात बनाना चाहते थे। इसके लिए हेमंत सोरेन ने अपने आर्किटेक्ट दोस्त विनोद कुमार की सलाह पर वहां बैंक्वेट हाल बनाने की योजना बनाया था।

पिंटू ने ईडी के सामने खुलासा किया है कि 12 अक्टूबर 2022 में उन्होंने उदय शंकर को वाट्सएप पर दो अन्य संपत्तियों के सत्यापन का निर्देश दिया था, जो हेमंत सोरेन व उनके परिवार से संबंधित थी।

कल्पना मुर्मू सोरेन के पार्टनरशिप एग्रिमेंट में रंजीत सिंह का नाम, जिसके नाम पर मिली लीज की फाइलईडी को बड़गाईं अंचल में छापेमारी के दौरान एक भूरे रंग की फाइल मिली, जो 44 पेज की लीज दस्तावेज से संबंधित थी। यह लीज 21 दिसंबर 2011 को चंद्रिका पाहन, बिरसा पाहन व अन्य की एक रंजीत सिंह नामक व्यक्ति के साथ हुई थी। रंजीत सिंह का पता हरमू हाउसिंग कालोनी के सोना सोभरन मेमोरियल सोसाइटी है।

ईडी ने छानबीन में पाया कि रंजीत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन के पार्टनरशिप एग्रिमेंट का हिस्सा है। ईडी को जो फाइल मिली है, उसपर सीएमओ पिंटू अर्जेट लिखा हुआ है। पिंटू का नाम लिखकर पेन से काटा गया है। उक्त फाइल में कई हस्तलिखित नोट व अन्य दस्तावेज थे।

ईडी ने जांच में पाया है कि मामला केवल 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित ही नहीं, बल्कि उस जमीन के बगल की एक अन्य जमीन को भी सीधे तौर पर हड़पने की योजना से संबंधित है। इसमें हेमंत सोरेन अपने करीबी रंजीत सिंह के माध्यम से इन सभी अचल संपत्तियों को हड़पने की योजना बना रहे थे।

31 जनवरी को गिरफ्तार हुए थे हेमंत, ईडी ने 30 मार्च को दाखिल किया आरोप पत्र

बरियातू की 8.86 एकड़ हड़पने की कोशिश मामले में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 31 जनवरी को गिरफ्तार किए गए थे। उसी दिन एक घंटे के भीतर उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। ईडी ने 30 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके दोस्त सह आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह, बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, राजकुमार पाहन व हिलेरियस कच्छप के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। ईडी ने चार अप्रैल को उक्त आरोप पत्र पर संज्ञान ले लिया है।

ईडी ने उक्त विवादित जमीन को अस्थाई तौर पर जब्त भी किया है, जिसकी कीमत करीब 31 करोड़ रुपये है। ईडी ने सरकारी अधिकारियों सहित कई व्यक्तियों के विरुद्ध झारखंड पुलिस में दर्ज प्राथमिकियों के आधार पर मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी।

ईडी ने जांच में पाया कि राज्य में भू-माफिया का एक रैकेट सक्रिय है जो जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी कर फर्जी कागजात तैयार करता है और उसे हड़पता है।

इस मामले में ईडी ने 51 छापेमारी व नौ सर्वे भी किया। इसमें ईडी ने भू-राजस्व विभाग की जाली मुहरें, भूमि के जाली दस्तावेज, अपराध की आय के सबूत, जालसाजी की तस्वीरें, सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के सबूत आदि जब्त किए। इस छापेमारी में ईडी ने 1.25 करोड़ रुपये नकदी व बैंकों में 3.56 करोड़ रुपये जब्त की।

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से 36.34 लाख रुपये, एक बीएमडब्ल्यू कार व अन्य आपत्तिजनक वस्तुओं की बरामदगी की। जमीन घोटाले में पूर्व में ईडी ने 236 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की थी।

वहीं, अब तक पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, प्रेम प्रकाश सहित 16 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। जमीन घोटाला प्रकरण में पूर्व में 12 जून 2023 व एक सितंबर 2023 को भी चार्जशीट दाखिल की गई थी। अनुसंधान अभी जारी है।

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