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नामी विश्वविद्यालयों को झारखंड सरकार का ऑफर, यहां निवेश कीजिए और 12 करोड़ का इंसेंटिव पाइए

Jharkhand Government Offer to Universities झारखंड की हेमंत सरकार ने नैक की सर्वश्रेष्ठ ग्रेडिंग पाने पर इंसेंटिव का प्रस्ताव दिया। झारखंड सरकार ने उद्योग नीति में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करनेवाले बड़े घरानों को आकर्षित करने के लिए यह प्रबंध किया गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 12:02 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 12:29 PM (IST)
Jharkhand Government Offer to Universities मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार ने प्रदेश में उच्च स्तरीय शिक्षा मुहैया कराने के लिए निजी विश्वविद्यालयों को न सिर्फ आमंत्रित किया है, बल्कि उन्हें उनकी लागत के हिसाब से एक बड़ी रकम इंसेंटिव के तौर पर वापस करने का वादा भी किया है। इसके लिए शर्त है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की रिपोर्ट में उक्त संस्थान को ए प्लस-प्लस की ग्रेडिंग प्राप्त हो। ऐसा होने का मतलब ही है उक्त संस्थान का विश्व स्तरीय मानकों के अनुरूप होना।

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यह सुविधा एक अप्रैल की तिथि के बाद खुलने वाले विश्वविद्यालयों के ही लिए ही मान्य होगी। सरकार ने ए प्लस प्लस रैंकिंग लाने पर उक्त संस्थान को 12 करोड़ रुपये तक की इंसेंटिव देने का प्रविधान औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में किया है। झारखंड में हाल में ही कैबिनेट से पास उद्योग नीति में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करनेवाले बड़े घरानों को आकर्षित करने के लिए यह प्रबंध किया गया है।

ऐसा पहले भी कुछ राज्यों में किया गया है। इससे झारखंड में बड़ी शैक्षणिक संस्थानों के साथ ही मेडिकल कॉलेजों के लिए अवसर बनते दिख रहे हैं। इसी तरह सरकार ने मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों के लिए भी पहली बार इंसेंटिव देने की घोषणा की है। इससे शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य में गुणात्मक परिवर्तन के आसार हैं।

स्कूल ऑफ योग के डिजिटल लाइब्रेरी का कुलपति ने किया उद्घाटन

स्कूल ऑफ योग रांची विश्वविद्यालय रांची के डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कामिनी कुमार ने किया। इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रमेश कुमार पांडेय, स्कूल ऑफ योग के निदेशक डाॅ. टुलू सरकार, स्कूल ऑफ योग के संयोजक डाॅ. आनंद कुमार ठाकुर, डाॅ. परिणीता सिंह, सौरभ निलेश, मनीष कुमार आदि उपस्थित थे। मौके पर कुलपति ने कहा कि इस डिजिटल लाइब्रेरी में सारी किताबें पीडीएफ इंट्रो के रूप में उपलब्ध होंगी। प्रो रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि कोविड-19 महामारी काल में आइटी एवं टेलीकम्युनिकेशन ने छात्रों को बहुत मदद की है। स्कूलों और विश्वविद्यालयों को पूर्ण रूप से डिजिटल होना चाहिए।


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