Yashwant Sinha, President Election: आधे रास्ते अटक गए यशवंत सिन्हा... द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे सकते हैं हेमंत सोरेन...
Yashwant Sinha President Election राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आज रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से मुलाकात करने वाले थे। लेकिन यशवंत बाबू झारखंड नहीं पहुंच पाए।
रांची, [जागरण स्पेशल]। Yashwant Sinha, President Election राष्ट्रपति चुनाव 2022 के चलते झारखंड का वैल्यू बढ़ गया है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों का झारखंड से गहरा नाता, सीधा सरोकार है। भाजपानीत एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू हाल तक झारखंड की राज्यपाल थीं। उन्होंने राज्य में छह साल तक गवर्नर रहकर प्रदेश की आदिवासी संस्कृति पर गहरी छाप छोड़ी है। वहीं संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से आते हैं। वे लंबे समय तक लोकसभा और राज्यसभा में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। द्रौपदी मुर्मू ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
बहरहाल, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर झारखंड में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। रांची से दिल्ली तक सियासी हलचल साफ महसूस की जा रही है। इस बीच आज, शुक्रवार को यशवंत सिन्हा, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से मुलाकात करने रांची आने वाले थे, लेकिन वे निजी कारणों से नहीं आ सके। वे राष्ट्रपति चुनाव में झामुमो को साधने या फिर उनका समर्थन हासिल करने आने वाले थे। बताया गया है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर झामुमो की अहम बैठक शनिवार को हो रही है। इसमें आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू या यशवंत सिन्हा को समर्थन देने पर आखिरी फैसला लिया जाएगा। इधर, नई दिल्ली में द्रौपदी मुर्मू के नामांकन पत्र पर बतौर प्रस्तावक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने हस्ताक्षर कर झारखंड की मंशा दर्शा दी है।
विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आज रांची में
राष्ट्रपति चुनाव 2022 को लेकर झारखंड पर सबकी नजरें टिकीं हैं। वह भी तब जब पड़ोसी राज्य ओडिशा ने द्रौपदी मुर्मू को खुलकर अपना समर्थन दे दिया है। अब बारी राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के पत्ते खोलने की है। हालांकि, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर झामुमो ने कल विधायकों और सांसदों की अहम बैठक बुलाई है। इसमें द्रौपदी मुर्मू या फिर यशवंत सिन्हा के साथ जाने का बड़ा ही महत्वपूर्ण फैसला लिया जाएगा।
सूबे में तेज हुई राजनीतिक गतिविधियां बता रही हैं कि भाजपा के आदिवासी कार्ड वाले मास्टर स्ट्रोक में जेएमएम फिलहाल उलझी हुई है। पार्टी के अंदर-बाहर हलचल तेज है। आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का विरोध पार्टी के लिए कितना आसान, कितना मुश्किल है। इस पर अभी कोई कुछ स्पष्ट नहीं बोल रहा। उधर संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा शुक्रवार को राजधानी रांची पहुंच रहे हैं। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा यशवंत सिन्हा कांग्रेस भवन में विधायकों से भी मिलेंगे।
भाजपा का माइंडगेम, झामुमो पर बनाया दबाव
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का प्रस्तावक बनाकर भाजपा ने माइंडगेम खेल दिया। इसे झामुमो पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। मुंडा के प्रस्तावक बनने के राजनीतिक मायने निकाले जाएं तो स्पष्ट है कि भाजपा ने आदिवासी सियासत के चक्रव्यूह में झामुमो को बुरी तरह उलझा दिया है। झामुमो का गुणा-गणित बिगड़ गया है। पार्टी तय नहीं कर पा रही कि आदिवासी महिला उम्मीदवार का किन तर्कों के साथ विरोध किया जाए। एनडीए और यूपीए के राष्ट्रपति उम्मीदवारों द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा को समर्थन देने को लेकर फिलहाल झामुमो दुविधा में फंसी है। इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। विधायकों से रायशुमारी के बाद ही झामुमो अपना फैसला सुनाएगा। हालांकि, राजनीति के जानकार बता रहे हैं कि हेमंत सोरेन की अगुआई वाली झामुमो द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी हित के नाम पर अपना समर्थन दे सकती है।