15 लाख लगाएंगे तो 15 करोड़ रुपये सालाना पाएंगे, रांची के एमवीआइ ने परिवहन विभाग को दिया प्रस्ताव
Jharkhand Hindi Samachar. फिटनेस जांच सेंटर में मशीनों की खरीदारी के बाद खुद चलाने की सलाह दी। नई व्यवस्था से सरकार का राजस्व बढ़ेगा।
रांची, [शक्ति सिंह]। 15 लाख लगाएंगे तो 15 करोड़ रुपये सालाना पाएंगे। यह फायदे का धंधा है। सरकार चाहे तो कर सकती है। रांची के एमवीआइ मो. शाह नवाज ने इसी तरह का प्रस्ताव परिवहन कार्यालय को भेजा है। मामला वाहनों के फिटनेस जांच का है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि सरकार अगर 15 लाख की मशीन इंस्टॉल करती है और खुद जांच करे, तो रांची जिला से ही परिवहन विभाग को 15 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होगी।
सरकार के खाते में जाती है मामूली राशि
अभी यह काम निजी हाथों में है। इसमें सरकार को बहुत ही मामूली राजस्व की प्राप्ति होती है। अगर 1416 रुपये शुल्क है, तो इसमें 236 रुपये ही सरकार के खाते में जाती है। वह भी सर्टिफिकेट के लिए। शेष राशि निजी संस्थान के खाते में जाती है। फिटनेस में हेराफेरी चलती रही है, ओरमांझी फिटनेस सेंटर विवाद में पडऩे से उसका शटर गिर गया था। अनियमितता के आरोप में उस पर 50 लाख रुपये का हर्जाना लगाया गया था। निजी हाथों में काम दिया गया, सरकार यह फार्मूला अपना ले तो राजस्व में भारी बढ़ोतरी होगी।
इन मशीनों की करनी होगी खरीदारी
हेड लैंप की जांच के हेडलाइट टेस्टर, एग्जॉस्ट एमिशन के लिए एग्जॉस्ट एनालाइजर, ब्रेकिंग सिस्टम/स्पीड के लिए रोलर ब्रेक टेस्टर, स्टीयरिंग गियर के लिए फ्री प्ले डिटेक्टर मशीन लगाने की सलाह दी गई है। एमवीआइ ने बताया है कि वाहनों की फिटनेस जांच में 18 जांच ऐसी हैं, जिन्हें देखकर आकलन किया जा सकता है।
अन्य जिलों में लागू करना होगा लाभप्रद
अन्य जिलों में भी इस व्यवस्था को लागू करने की बात कही है, ताकि इन जिलों में भी राजस्व में बढ़ोतरी हो सके। साथ ही फर्जी सर्टिफिकेट से जुडे, जो मामले आए हैं, उन पर भी लगाम लग सकता है। उल्लेखनीय है कि ओरमांझी में फिटनेस जांच सेंटर के बंद होने के बाद से रामपुर, नामकुम में ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर चल रहा है।
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