छठी जेपीएससी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में फैसला सुरक्षित Ranchi News
Jharkhand. सोमवार को सुनवाई के दौरान ढाई घंटे बहस चली। हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर विज्ञापन की शर्तों में बदलाव को चुनौती दी गई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एचसी मिश्र व दीपक रोशन की खंडपीठ में सोमवार को छठी जेपीएससी को लेकर सुनवाई हुई। ढाई घंटे चली बहस के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इसको लेकर पंकज कुमार पांडेय ने याचिका दाखिल की है। उनकी ओर से विज्ञापन की शर्तों में बदलाव को चुनौती दी गई है। दरअसल, 12 फरवरी 2018 को सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी।
इसके तहत सभी श्रेणियों में न्यूनतम अर्हता अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया। हाई कोर्ट की एकलपीठ ने 18 मई 2018 को सरकार की अधिसूचना को सही माना और कहा कि यह छात्रहित में लिया गया निर्णय है। अदालत ने सरकार की अधिसूचना के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) 12 फरवरी 2018 की अधिसूचना के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) का परिणाम जारी करे।
इसके बाद जेपीएससी ने छह अगस्त 2018 को पीटी का तीसरी बार संशोधित परिणाम जारी कर दिया। इसमें 34,634 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस तरह की अधिसूचना जारी की थी और इस तरह के मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है।
उनकी ओर से विभिन्न अदालती आदेशों का हवाला दिया गया। इस पर प्रार्थी के अधिवक्ता शुभाशीष सोरेन ने अदालत को बताया कि जब एक बार विज्ञापन जारी कर दिया जाता है, तो उसकी शर्तों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। इसलिए सरकार की अधिसूचना न्यायोचित नहीं है। बता दें कि जेपीएससी ने झारखंड प्रशासनिक सेवा, वित्त सेवा, शिक्षा सेवा, सहकारिता सेवा, समाजिक सुरक्षा, सूचना सेवा और डीएसपी के लिए वर्ष 2016 में विज्ञापन निकाला था। इसके तहत 326 पदों पर नियुक्ति होनी थी।