Jharkhand Government : अब सीएम हेमंत सोरेन के सामने सबको साधने की चुनौती
Jharkhand Government पूर्व की गठबंधन की सरकारों की स्वार्थलिप्तता के कारण कई बार सरकारें गिरीं और बनीं। इससे जहां एक ओर अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हुई वहीं झारखंड की बदनाम भी हुई।
रांची, [जागरण स्पेशल]। Jharkhand Government झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है। गठबंधन की सरकार का झारखंड की राजनीति में इतिहास रहा है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। अंतर है तो बस इतना कि अबतक चुनाव के बाद गठबंधन की सरकारें बनती रही हैं। इस बार चुनाव से पूर्व झामुमो, कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन हुआ और तीनों दलों ने मिलकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। झाविमो ने अलग से अपने तीन विधायकों के साथ इस सरकार को समर्थन देकर इसे और मजबूती देने का काम किया है। सरकार एकदलीय बने या गठबंधन की, मायने यह नहीं रखता।
मायने रखता है तो यह कि सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी हो और जनहित की बात करे। लोकतंत्र की वास्तविक परिकल्पना का यह मूल आधार भी है। इससे इतर, झारखंड की पूर्ववर्ती सरकारों की बात करें तो पिछली सरकार को छोड़कर शेष 10 सरकारों को अपना कार्यकाल पूरा करने का अवसर नहीं मिला। गठबंधन की सरकार बनती रही और आपसी खींचतान में गिरती रही। चुनाव के बाद दूसरे दलों के विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोप भी लगते रहे।
हालांकि, इस बार न तो दल-बदल की राजनीति हुई और न ही खरीद-फरोख्त का माजरा देखने की नौबत आई। लोकतंत्र के लिए इसे शुभ संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए। जरूरत है तो लोकतंत्र की इस शुचिता को बनाए रखने की। पूर्व की गठबंधन की सरकारों की स्वार्थलिप्तता के कारण कई बार सरकारें गिरीं और बनीं। इससे जहां एक ओर अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हुई, वहीं झारखंड की बदनामी भी हुई।
बहरहाल, नवगठित सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह को संकल्प दिवस के रूप में मनाया है। संकल्प राज्य के सर्वांगीण विकास का, सभी तबकों को साथ लेकर चलने का, जल, जंगल और जमीन की रक्षा का, निष्पक्ष, स्वच्छ एवं पारदर्शी शासन का। यह संकल्प तभी पूरा होगा, जब सरकार में शामिल सभी घटक दल राज्य के अंतिम व्यक्ति तक के विकास को केंद्र में रखकर नि:स्वार्थ भाव से अपनी सेवा दें।
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