क्वारंटाइन में शारीरिक संबंध: 3 तब्लीगी गर्भवती महिलाओं पर FIR का आदेश, जांच से उठा पर्दा; पढ़ें पूरी खबर
क्वारंटाइन सेंटर में ऐश-मौज करने शारीरिक दूरी बनाने के बजाय शारीरिक संबंध बनाने के मामले में तब्लीगी जमात की 3 महिलाओं और उनके साथियों पर एफआइआर का आदेश दिया गया है।
रांची, जेएनएन। 3 Tablighi Jamaat Women Pregnant at Ranchi क्वारंटाइन सेंटर में ऐश-मौज करने, शारीरिक दूरी बनाने के बजाय शारीरिक संबंध बनाने के मामले में तब्लीगी जमात की 3 महिलाओं और उनके साथियों पर एफआइआर का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही दैनिक जागरण की खबर पर शासन-प्रशासन की मुहर लग गई है। 3 तब्लीगी गर्भवती महिलाओं व उनके सहयोगियों पर प्राथमिकी दर्ज होगी।
रांची के खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर में विदेश से आए तब्लीगी जमात की तीन महिलाओं के गर्भवती होने का प्रशासनिक जांच में भी खुलासा हुआ है। रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने इस मामले की पुष्टि करते हुए अब इस बेहद संगीन मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। क्वारंटाइन सेंटर के प्रभारी के बयान पर इन 3 गर्भवती महिलाओं और उनके सहयोगियों पर आपदा प्रबंधन कानून तोड़ने और एपेडेमिक डिजिज एक्ट की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया जा रहा है।
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दैनिक जागरण की खबर पर प्रशासन की मुहर
- दैनिक जागरण की खबर पर प्रशासन की मुहर, तब्लीगी गर्भवती महिलाओं व उनके सहयोगियों पर दर्ज होगी प्राथमिकी
- क्वारंटाइन सेंटर में तब्लीगी जमात की तीन महिलाओं के गर्भवती होने का प्रशासनिक जांच में भी खुलासा
- रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने दिया प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश, क्वारंटाइन सेंटर के प्रभारी के बयान पर होगी प्राथमिकी
- आपदा प्रबंधन कानून तोड़ने, एपेडेमिक डिजिज एक्ट की धाराओं में दर्ज होगी प्राथमिकी
प्रशासन की जांच में पुष्टि, दर्ज होगी प्राथमिकी
झारखंड में सरकार की नाक के नीचे राजधानी रांची के क्वारंटाइन सेंटर में 3 तब्लीगी महिलाएं गर्भवती हो गईं। कोरोना वायरस महामारी के इस भयावह दौर में क्वारंटाइन में रहने की इस तरह की आजादी की मिसाल शायद दूसरी न हो, जहां शारीरिक दूरी के बजाय पुरुष और महिला ने खुलकर एक-दूसरे से शारीरिक संबंध बनाए हों। इधर, मामले का खुलासा होने के बाद देश-दुनिया में इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरीं। तब जाकर शासन-प्रशासन जागा और आनन-फानन में जांच बिठा दी गई।
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3 महिलाओं के गर्भवती होने के मामले की जांच से पर्दा उठा
झारखंड के क्वारंटाइन सेंटर में तब्लीगी जमात की 3 महिलाओं के गर्भवती होने के मामले की जांच से पर्दा उठ गया है। मामले का खुलाासा होने के बाद जिस तेजी से शासन-प्रशासन ने जांच बिठाई, उससे लग रहा था कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी। लेकिन, जांच शुरू होने के पहले ही जांच अधिकारी का तबादला कर दिए जाने से सबकुछ ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा था। इसी बीच जवाबदेह ईकाई ने अब इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए एफआइआर का आदेश दिया है। इससे पहले नीचे से लेकर ऊपर तक के अफसर इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं थे। पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और बिरसा मुंडा जेल इस मामले से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश में जुटा रहा।
संगीन मामले में तय हुई जवाबदेही
राज्य सरकार की नाक के नीचे राजधानी रांची के खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर, फिर कैंप जेल और बाद में न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल में कुल 111 दिनों तक पुलिस-प्रशासन की निगरानी में रहने वाली इन 3 विदेशी महिलाओं के गर्भवती हाेने के मामले में अब जवाबदेही तय होती दिख रही है। रांची के एडिशनल कलक्टर के तबादले के बाद जहां रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने नए पदाधिकारी की नियुक्ति होने के साथ ही जांच कराए जाने की बात कही, वहीं कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे राज्य के क्वारंटाइन सेंटर में शारीरिक दूरी का पालन किए जाने के बजाय शारीरिक संबंध बनाने वाली इस घटना पर सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
3 तब्लीगी महिलाओं के गर्भवती होने का पूरा घटनाक्रम
- 30 मार्च : रांची के हिंदपीढ़ी इलाके की बड़ी मस्जिद से हिरासत में लिए गए 17 विदेशी स्कॉलर।
- 30 मार्च : रांची के खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर में रखी गईं 4 महिलाएं समेत सभी विदेशी।
- 18 अप्रैल : लॉक डाउन तोड़ने और वीजा नियमों के उल्लंघन का केस दर्ज होने के बाद सभी को न्यायिक हिरासत में लिया गया।
- 18 अप्रैल : खेलगांव में ही कैंप जेल बनाकर सभी को रखा गया।
- 20 मई : करीब 50 दिनों तक खेलगांव में रखने के बाद बिरसा मुंडा जेल ले जाया गया।
- 20 मई : बिरसा मुंडा जेल में मेडिकल जांच के दौरान 3 महिलाओं ने गर्भवती होने की जानकारी दी।
- 21 जुलाई : झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सभी 17 विदेशी तब्लीगी जमातियों को रिहा कर दिया गया।
रांची के खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर में गर्भवती हो गईं तब्लीगी जमात की 3 महिलाएं
रांची के खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर और फिर बिरसा मुंडा जेल में करीब चार महीने, 111 दिनों तक पुलिस-प्रशासन की निगरानी में रह रहीं तब्लीगी जमात की 3 विदेशी महिलाएं मेडिकल रिपोर्ट में गर्भवती पाई गईं। झारखंड हाई कोर्ट से जमानत पाने के बाद जब ये जेल से बाहर आईं, तब इनके हेल्थ रिपोर्ट ने यह चौंकाने वाली सच्चाई उजागर की है। क्वारंटाइन सेंटर और जेल में किसी से मिलने-जुलने की सख्त पाबंदियों और कड़ा पहरा के बीच इनके शारीरिक संबंध बनाने पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।
3 में से किसी का भी गर्भ 3 माह से अधिक समय का नहीं
गर्भवती हुईं इन तीन महिलाओं में एक का गर्भ अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह से लेकर मई माह के पहले सप्ताह के बीच का है। जबकि दो गर्भवती महिलाओं ने इससे कुछ समय पहले ही गर्भधारण किया है। इन तीनों गर्भवती महिलाओं में समानता यह है कि इनमें से किसी का भी गर्भ 3 माह से अधिक समय का नहीं है। इन महिलाओं के गर्भवती होने का मामला तब खुला, जब तीनों तब्लीगी महिलाएं अपने पति समेत 17 विदेशी जमातियों के साथ बिरसा मुंडा जेल से बाहर आए। हाई कोर्ट ने इन्हें मामले की सुनवाई तक रांची में ही रहने के आदेश के साथ सशर्त जमानत दी है।
क्वारंटाइन से बिरसा मुंडा जेल तक 111 दिनों की कड़ी निगरानी में रहीं ये महिलाएं
खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर से बिरसा मुंडा जेल, पुलिस अभिरक्षा में 30 मार्च से 20 जुलाई तक, 111 दिनों की कड़ी निगरानी में रहीं इन महिलाओं के बारे में बताया गया है कि कैंप जेल से बिरसा मुंडा जेल भेजे जाने के क्रम में मेडिकल के दौरान इन्होंने डॉक्टर को अपने गर्भवती होने की जानकारी दी थी। बाद में जेल प्रबंधन की मेडिकल जांच और अल्ट्रासाउंड से उनके गर्भवती होने की पुष्टि हुई। इनमें एक बात सामने आई कि क्वारंटाइन सेंटर में रहने के दौरान ही महिलाओं में गर्भ ठहरा है। इस लिहाज से क्वारंटाइन सेंटर पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि जहां एक-दूसरे से मिलने तक की छूट नहीं दी जाती, शारीरिक दूरी का अनुपालन अनिवार्य होता है, वहां आखिर किन परिस्थितियों में ये महिलाएं गर्भवती हो गईं?
30 मार्च को रांची के हिंदपीढ़ी बड़ी मस्जिद से हिरासत में लिए गए थे 4 महिलाओं समेत कुल 17 विदेशी
शुरुआती दौर में देशभर में तब्लीगी जमात से कोरोना संक्रमण फैलने की खबरों के बीच राज्य में कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने की कोशिश में जुटे रांची जिला प्रशासन को हिंदपीढ़ी इलाके के बड़ी मस्जिद में 17 विदेशियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद 30 मार्च को मस्जिद में प्रशासन की दबिश के बाद ये सभी 17 विदेशी स्कॉलर हिरासत में ले लिए गए। इनमें 4 महिलाएं शामिल थीं। इनमें मलेशिया की एक महिला 31 मार्च को जांच में कोरोना पॉजिटिव मिलीं, जिसे रिम्स अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया।
20 मई को भेजे गए थे बिरसा मुंडा जेल
इन 17 विदेशियों को लॉक डाउन व वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोप में 30 मार्च को हिरासत में लेने के बाद रांची के खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। बाद में 18 अप्रैल को इन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। यहां से करीब एक माह बाद 20 मई को सभी 17 विदेशी तब्लीगी जमातियों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया। इस क्रम में रांची की निचली अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इन पर गंभीर टिप्पणियां की और इन्हें जमानत देने से मना कर दिया, जिसके बाद हाई कोर्ट से इन्हें जमानत मिली।
जेल में इन महिलाओं की हुई मेडिकल जांच, 3 ने खुद को बताया गर्भवती
20 मई को जेल भेजे गए 17 विदेशियों में शामिल 4 महिलाओं की मेडिकल जांच की गई। जिसमें 3 महिलाओं ने जेल प्रशासन को अपने गर्भवती होने की जानकारी दी। तब इन महिलाओं ने खुद से ही एक महीने की गर्भवती होने की जानकारी जेल के डॉक्टर को दी थी। जबकि इसके पहले वे करीब 50 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रहकर आई थीं। हालांकि गर्भवती होने की पुष्टि के बाद जेल प्रशासन ने इन्हें जेल मैनुअल के मुताबिक तमाम सहूलियतें दीं। जेल में कराए गए अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के मुताबिक तीन महिलाओं में से एक का गर्भ अप्रैल के अंतिम सप्ताह, जबकि बाकी दो महिलाओं का गर्भ इससे दो-तीन हफ्ते पहले का बताया गया।
नई दिल्ली से 17 मार्च को राजधानी एक्सप्रेस से आईं रांची
नई दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम में शामिल होकर सभी 17 विदेशी तब्लीगी जमाती 17 मार्च को नई दिल्ली से राजधानी एक्सप्रेस से रांची पहुंचे। इनमें 4 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल थे। रांची में इन सभी को हिंदपीढ़ी इलाके की बड़ी मस्जिद में ठहराया गया। इनमें से कई विदेशी जमाती मोहल्ले के दूसरे घरों में भी रहीं। समाज के प्रतिष्ठित लोगों के घरों में भी इनका आना-जाना रहा। यहीं से 30 मार्च को रांची जिला प्रशासन के निर्देश पर पुलिस ने सभी 17 विदेशियों को हिरासत में ले लिया।