दुलाल भुइयां के राजनीतिक भविष्य पर फैसला टला, अब दिवाली के बाद हाई कोर्ट में सुनवाई
Jharkhand. आय से अधिक संपत्ति के मामले में दुलाल भुइंया को सीबीआइ कोर्ट ने पांच साल की सश्रम कैद और दस लाख जुर्माने की सजा सुनाई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत में पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां की अपील याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई। इस दौरान प्रार्थी की ओर से समय देने का आग्र्रह किया गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। हालांकि, सीबीआइ की ओर से बहस के लिए पूरी तैयारी थी। मामले में अगली सुनवाई दीपावली अवकाश के बाद होगी।
दरअसल, दुलाल भुइयां को आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआइ की अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई है। इसी सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। पूर्व में ही हाई कोर्ट से दुलाल भुइयां को जमानत मिल चुकी है। इस बीच, उनकी ओर से हस्तक्षेप याचिका (आइए) दाखिल कर इस मामले के जल्द निष्पादन की मांग की गई है।
पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां को मिली है पांच साल की सजा, दस लाख जुर्माना
दुलाल भुइयां को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी मानते हुए पांच साल के सश्रम कैद की सजा सुनाई गई है। रांची में सीबीआइ के विशेष अदालत के जज एके मिश्र की अदालत ने पिछले साल जून में दुलाल को सजा सुनाते हुए उन पर दस लाख का जुर्माना भी लगाया था। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर उन्हें एक साल अतिरिक्त सजा भी काटनी होगी। आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपति अर्जित करने के मामले में राज्य के पूर्व भू-राजस्व मंत्री दुलाल भुइयां के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने अपने मंत्रित्वकाल में 10 मार्च 2005 से एक सितंबर 2009 के बीच आय से अधिक संपति अर्जित की।
उनके खिलाफ एक करोड़ तीन लाख चार हजार 547 रुपये संपत्ति अर्जित करने के मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर वर्ष 2013 में कांड संख्या आरसी 21ए/2013 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ सीबीआइ ने एक दिसंबर 2014 को अदालत में चार्जशीट दाखिल किया था। दुलाल पर आरोप है कि उन्होंने रांची और जमशेदपुर में कई जगहों पर भूखंड की खरीदारी की है। इसके अलावा कई वाहन और बैंकों में जमा राशि के मालिक हैं। गवाहों के बयान, साक्ष्य और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दुलाल को आय से 86 लाख रुपए अधिक जमा करने का दोषी पाया और पांच साल की सजा सुनाई।
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