Jharkhand: पाकुड़ में बच्ची की मौत पर उठने लगे सवाल, अब बताया गया सांप के काटने से गई जान, आखिर क्या है सच?
Pakur News आवासीय विद्यालय लब्दाघाटी की एक 10 वर्षीय बच्ची की मौत पर तमाम सवाल उठने लगे हैं। एक तो पांच दिन बाद स्थानीय प्रशासन को मामले की सूचना दी गई। पहले बताया गया मामला फूड प्वाॅयजनिंग का है। कुछ ने सामूहिक दुष्कर्म होने की बात की। अब बताया जा रहा बच्चियों को सांप ने काटा है। फोटो - बच्ची की मौत का अलग अलग कारण बताने से उठ रहे सवाल
जागरण टीम, पाकुड़। Pakur News: ईसीआई मिशन आवासीय विद्यालय लब्दाघाटी की एक 10 वर्षीय बच्ची मनीषा की मौत के बाद विद्यालय प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। बच्ची की मौत की सूचना विद्यालय प्रबंधन ने पांच दिन बाद 27 जुलाई को स्थानीय प्रशासन को दी। इसके बाद लिट्टीपाड़ा थाना की पुलिस विद्यालय पहुंची और मामले की जांच की।
थाना प्रभारी अरूनिमा बागे ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद विद्यालय एवं चंद्रगोड़ा मिशन अस्पताल जाकर मामले की जांच की गई है। वहां के चिकित्सक ने बताया कि मनीषा की मौत स्नैक बाइट से हुई है। स्नैक बाइट से ही दो अन्य बच्ची बीमार हुई है। एंडी वेनल सूई के बाद बच्ची की स्थिति में सुधार हुआ है।
23 जुलाई की अल सुबह बीमार पड़ी थी बच्ची
लब्दा मिशन स्कूल के प्रबंधक की माने तो 23 जुलाई की अल सुबह दो बजे विद्यालय की छात्रा रेबिका पहाड़िन के पेट में दर्द होने लगा। बच्ची की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लिट्टीपाड़ा ले जाया गया, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया।
उसी दौरान विद्यालय से फोन आया कि और दो और बच्ची मनीषा और सबीना पहाड़िन के भी पेट दर्द हो रहा है। तीनों बच्ची को बेहतर इलाज के लिए बरहेट थाना क्षेत्र के चंद्रगोड़ा मिशन अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान मनीषा की मौत हो गई। प्रबंधक ने बताया कि शव को अस्पताल प्रबंधक के द्वारा कागजी प्रक्रिया के पश्चात स्वजनों को सौंप दिया। जबकि दो बच्ची का इलाज चल रहा है।
बच्ची की मौत पर उठ रहे सवाल
लब्दाघाटी मिशन की छात्रा मनीषा की मौत व दो के गंभीर रूप से बीमार होने के कारणों पर सवाल उठने लगे हैं। पहले बताया गया कि बच्ची की मौत फूड प्वाॅयजनिंग के कारण हुई है। फिर बाद में बताया गया कि मनीषा की मौत और दो अन्य बच्ची के बीमार होने का कारण स्नैक बाइट है। स्नैक बाइट के कारण ही मनीषा की मौत हुई है। बहरहाल, बच्ची की मौत का सही कारण क्या है यह उच्च स्तरीय जांच के बाद ही सामने आ सकेगा। कुछ लोग मनीषा का पोस्टमार्टम नहीं कराए जाने पर भी सवाल उठा रहे हैं।
123 बच्चों के लिए 14 बेड
ईसीआई मिशन स्कूल लब्दाघाटी की स्थापना वर्ष 2012 में हुई थी। आज भी इस विद्यालय के अधिकतर बच्चे जमीन में सोने को मजबूर है। विद्यालय प्रबंधक वर्णवास हांसदा ने बताया विद्यालय में कुल 218 नामांकित बच्चे हैं। विद्यालय के हाॅस्टल में कुल 123 बच्चे रह रहे हैं, जिसमे 76 छात्र एवं 47 छात्राएं शामिल है। बच्चों के रहने के लिए छात्र एवं छात्राओं का दो अलग अलग होस्टल है। होस्टल में करीब 14 बेड है । बाकी बच्चे जमीन में सोते है।
क्या कहते हैं एसडीओ
घटना की सूचना पर एसडीओ हरिवंश पंडित गुरुवार की दोपहर लब्दा मिशन स्कूल पहुंचे। वहां जांच पड़ताल की गई। प्रबंधन व दूसरे लोगों से पूछताछ की। कहा कि 22 की रात में तीन बच्चियों के बीमार होने की बात सामने आई थी। जिसमें एक बच्चियों की मौत हो गई।
बुधवार को इलाजरत दो बच्चियों को एंटी वेनल सूई दी गई। इसके बाद बच्चियों की स्थिति में सुधार होने लगी। चिकित्सक के अनुसार सूई के बाद बच्चियों की स्थिति में सुधार होने लगा। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि यह सर्पदंश की ही घटना है। चिकित्सक ने दुष्कर्म जैसी किसी घटना से भी इंकार किया है।