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असम से करते थे गांजे की तस्करी...चकमा देने के लिए महिला और बच्चे के साथ करते थे सफर, धरे गए तो उगले कई राज

पुलिस ने गांजा तस्करों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस को चकमा देने के लिए तस्कर ट्रेन में परिवार की तरह सफर करते थे और साथ में एक महिला और बच्चे को भी रखते थे। तस्कर असम से गांजा लाकर बिहार में सप्लाई करते थे।

By Ganesh PandeyEdited By: Mohit TripathiPublished: Mon, 19 Dec 2022 08:29 PM (IST)Updated: Mon, 19 Dec 2022 08:29 PM (IST)
असम से करते थे गांजे की तस्करी...चकमा देने के लिए महिला और बच्चे के साथ करते थे सफर, धरे गए तो उगले कई राज
पुलिस ने एक गांजा-तस्कर गिरोह का किया पर्दाफाश। (प्रतीकात्मक फोटो)

पाकुड़, गणेश पांडेय: पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय गांजा-तस्कर गिरोह का पर्दाफाश किया है। गांजे के साथ पुलिस के हत्थे चढ़े चार गांजा-तस्करों ने काफी अहम जानकारियां दी हैं। तस्करों ने पुलिस को बताया कि उनके गिरोह में कई और साथी शामिल हैं और सभी के काम बटे हुए हैं। आरोपित तस्कर असम और बंगाल से गांजे की तस्करी ट्रेन के जरिए करते थे। पुलिस को चकमा देने के लिए ये एक परिवार की तरह ट्रेन में सफर करते थे।

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गिरोह के सदस्यों को मिलती थी मोटी रकम

पुलिस के हत्थे चढ़े तस्कर बिहार के पीरपैंती सुंदरपुर के रहने वाले संटु कुमार यादव, शेख गुरफान, मो. हनीफ और शोभा कुमारी हैं। तस्करों से मिली अहम जानकारियों पर पुलिस काम करने की बात कही है। धराए आरोपितों ने बताया कि उनलोगों के गिरोह में कई अन्य लोग भी शामिल है। सबका का अलग-अलग काम बंटा हुआ है।

गांजा खरीदने से लेकर उसे स्टेशन तक पहुंचाने व इलाके में खपाने के लिए गिरोह के अलग-अलग सदस्यों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके एवज में गिरोह के सदस्यों को मोटी रकम मिलती है।

महिला और बच्चे के साथ परिवार की तरह करते थे सफर

गांजा के साथ सोमवार को धराए अंर्तराज्यीय गांजा गिरोह के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वे लोग बहुत पहले से गांजा तस्करी का काम कर रहे हैं। पुलिस को चकमा देने के लिए ट्रेन में वे लोग परिवार की तरह चलते हैं। ये एक बच्चे को भी साथ रखते हैं, ताकि पुलिस को किसी प्रकार का शक नहीं हो।

बच्चे और महिला को साथ में लेकर चलने के कारण पुलिस यह समझ बैठती है कि वे लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं। एक साथ सफर कर रहे हैं। यही कारण है कि पुलिस या रेल पुलिस उनलोगों का बैग जांच करने में दिलचस्पी नहीं दिखाती है। इस बार भी तस्कर पुलिस के आंख में धूल झोंकने की तैयारी में था लेकिन स्थानीय पुलिस की सक्रियता के कारण तस्करों का मंसूबा फेल हो गया।

बिहार में खपता है असम का गांजा

अंर्तराज्यीय गांजा तस्कर गिरोह के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वे असम से गांजा लाते हैं, जिसे बिहार के भागलपुर, पीरपैंती, मिर्जाचौकी सहित झारखंड के साहिबगंज में खपाया जाता है। बिहार में गांजा पीने वालों की तादाद अधिक है। इसलिए इन इलाके में अधिकतर गांजा खपाया जाता है।

पुलिस की पकड़ में आए तस्करों ने बताया कि इस बार भी वे पाकुड़ स्टेशन से पीरपैंती, साहिबगंज और मिर्जाचौकी इलाके में गांजा खपाने वाले थे। इसी बीच पुलिस ने कार्रवाई में धर दबोचे गए।

बंगाल के फरक्का में भी पकड़ा चुका है गांजा

पाकुड़ जिला से सटे बंगाल व बांग्लादेश की दूरी काफी कम है। बंगाल के मालदा और फरक्का पुलिस ने भी कई बार गांजे का खेप पकड़ चुकी है। पाकुड़ से फरक्का की दूरी महज 25 किलोमीटर और मालदा की दूरी करीब 50 किलोमीटर है। मालदा-कालियाचक के रास्ते गांजा तस्कर फरक्का पहुंचते हैं। इसके बाद विभिन्न इलाके में गांजे को खपाने में जुट जाते हैं।

मुफस्सिल थाना का कुछ इलाका भी बंगाल बोर्डर से सटा हुआ है। मुफस्सिल इलाके में भी नौजवान मादक पदार्थ का सेवन करने का शौक रखते हैं। गांजा तस्करी मामले में इस इलाके में बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन दो-चार पुड़िया के साथ कुछ लोगों को जेल भेजा गया है।

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