Lok Sabha Polls 2019: बड़ा मुद्दा : नौ सालों से कैरो को पुल के निर्माण का है इंतजार
Lok Sabha Polls 2019. लोहरदगा के कैरो प्रखंड के लोगों को चुनावी घोषणा पत्र में जगह नहीं मिलती है। सालों से एक पुल के कारण कैरो प्रखंड का विकास रुका हुआ है।
लोहरदगा, जासं। लोहरदगा के कैरो प्रखंड के लोगों को चुनावी घोषणा पत्र में जगह नहीं मिलती है। सालों से एक पुल के कारण कैरो प्रखंड का विकास रुका हुआ है। भले ही सांसद बनाने में कैरो के लोगों का अहम रोल होता है, फिर भी राजनीतिक दल यहां के लोगों को अपनी नजरों से दूर रखते हैं।
प्रखंड मुख्यालय सहित दर्जनों गांवों को भंडरा प्रखंड व जिला मुख्यालय से जोडऩे वाली सड़क पर नंदिनी नदी स्थित बंडा पुल का निर्माण कार्य विगत नौ वर्षों से लटका पड़ा है। कार्य प्रारंभ होने के समय क्षेत्र के ग्रामीणों को काफी खुशी हुई थी कि वर्षों का सपना पूरा हो रहा है, परंतु विभागीय लापरवाही व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण विगत नौ वर्षों में भी बंडा पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है।
इसके कारण बरसात में लोग नदी तैर कर पार करते हैं। उक्त पुल का निर्माण कार्य विशेष प्रमंडल से 1.30 करोड़ रुपये की लागत से प्रारंभ हुआ था। परंतु संवेदक द्वारा कार्य में भारी अनियमितता बरते जाने के बाद ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तत्कालीन उपायुक्त रतन कुमार से की। उन्होंने इसके निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया। साथ ही संवेदक को काली सूची में डाल दिया।
इसके बाद से अब तक इस पुल का कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। इसका खामियाजा सैकड़ों ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि ग्रामीणों से बार-बार कहते हैं कि पुन: निविदा निकाल कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा। परंतु अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। इस पुल के बन जाने से प्रखंड मुख्यालय से जिले की दूरी मात्र 23 किलोमीटर रह जाएगी।
वहीं कैरो, उतका, नायाटोली, गजनी, गाराडीह, नरौली, चाल्हो, महुवरी सहित दर्जनों गांवों के लोगों को जिला मुख्यालय व भंडरा प्रखंड जाने में काफी सहूलियत मिलेगी। वर्तमान में लोगों को 37 किलोमीटर की दूरी तय कर लोहरदगा जाना पड़ता है। इस पुल के द्वारा भाजपा व कांग्रेस ने 40 हजार की आबादी को सिर्फ ठेंगा दिखाने का कार्य किया है। क्षेत्र के मतदाता जन प्रतिनिधियों से काफी क्षुब्ध हैं।