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Aadhar card For Child : आपने पांच साल से कम उम्र के बच्चे का आधार कार्ड बनाया है कि नहीं, बहुत आसान है जनाब

Aadhar Card News आधार कार्ड जीवन की कुंडली होती है। अगर आप पांच साल के कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड बनवाना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए काफी उपयोगी है। सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए बाल आधार कार्ड की सुविधा दी है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 09:57 AM (IST)
आपने पांच साल से कम उम्र के बच्चे का आधार कार्ड बनाया है कि नहीं

जमशेदपुर, जासं। वयस्कों में शायद सभी ने आधार कार्ड बना लिया होगा, क्योंकि इसके बिना आपका ना तो बैंक में खाता खुलता है, ना किसी सरकारी योजना का लाभ मिलता है। अब सवाल है कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड क्यों जरूरी है। यह कैसे बनता है, आदि कुछ सवाल हैं जो शायद बहुत से लोगों को नहीं पता।

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बच्चों के आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में किया गया है बदलाव

आइए हम आपको बता दें कि पांच साल से बच्चों का आधार कार्ड कैसे बनता है और यह क्यों जरूरी है। जमशेदपुर में आज से करीब पांच वर्ष पहले पूर्वी सिंहभूम जिला के तत्कालीन सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी संजय पांडेय ने एमजीएम अस्पताल में नवजात शिशु का आधार कार्ड बनाकर इस योजना की शुरुआत की थी। हालांकि तब इसकी प्रक्रिया कुछ और थी। अब इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है। अब आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने बाल आधार नाम से इसकी प्रक्रिया शुरू की है, जो नीले रंग का बनता है। इसे नीला आधार भी कहा जाता है।

माता-पिता का लिया जाता फिंगर प्रिंट

बाल आधार में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे का फिंगर प्रिंट या आई स्कैन नहीं लिया जाता है। इसमें माता या पिता में से किसी एक का फिंगर प्रिंट लिया जाता है। इसके बाद उसके साथ बच्चे का आधार लिंक कर दिया जाता है। आधार कार्ड में मोबाइल फोन का नंबर भी माता या पिता में से किसी एक का देना पड़ता है, क्योंकि मैसेज-ओटीपी आदि उसी मोबाइल नंबर से वेरीफाई किए जाएंगे। बच्चा जब पांच वर्ष से अधिक का हो जाता है, तो इसके बाद 15 वर्ष की उम्र तक उसी नीले आधार को वयस्कों के लिए बनने वाले आधार में परिवर्तित कर दिया जाएगा। आधार नंबर वही रहेगा, जो पांच वर्ष से कम उम्र में बना था। ध्यान रहे, आधार कार्ड सिर्फ सरकारी पहचान पत्र नहीं है, यह व्यक्तिगत जानकारी का भी दस्तावेज है। यदि कोई बच्चा कहीं गुम हो गया तो इसी आधार पर उसकी पहचान हो जाएगी कि वह किसका पुत्र है। उसका जन्म कहां हुआ, आदि।

कैसे बनता है बच्चों का आधार कार्ड

इसके लिए आपको आधार केंद्र जाना होगा। वहां बच्चे के माता-पिता में से किसी एक को अपना आधार कार्ड ले जाना होगा। वहां एक फार्म मिलेगा, जिसे माता-पिता को भरना होगा। सेंटर पर बच्चे की फोटो खींची जाएगी। इसके बाद उसे माता-पिता में से किसी एक के साथ लिंक कर दिया जाएगा। मोबाइल नंबर की इंट्री होने के बाद कंफर्मेशन मैसेज मिलने के सात दिन बाद आपके पते पर बच्चे का आधार कार्ड पहुंच जाएगा। इसके लिए आप ऑनलाइन एप्वाइंटमेंट भी ले सकते हैं। यह काम यूआइडीएआइ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर किया जा सकता है। यहां बता दें कि ऑनलाइन या मैनुअल दोनों प्रक्रिया निश्शुल्क है।


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