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Electricity Rate: जोर का झटका जोर से... अब टाटा स्टील ने बिजली दर में 10 फीसदी बढ़ोतरी का दिया प्रस्ताव

टाटा स्टील ने बिजली दर में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। कंपनी का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2022-26 के बीच नए पावर सब स्टेशन बनाने नई लाइन बिछाने व 10 सब स्टेशनों में नाइट्रोजन इंजेक्शन पावर प्रोटेक्शन सिस्टम लगाने में 384.07 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ऐसे में टैरिफ बढ़ाना जरूरी है ताकि रेवेन्‍यू गैप को कम किया जा सके।

By Nirmal Prasad Edited By: Arijita Sen Published: Thu, 21 Mar 2024 11:58 AM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2024 11:58 AM (IST)
टाटा स्टील ने बिजली दर में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का दिया प्रस्ताव।

जासं, जमशेदपुर। टाटा स्टील लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2022-26 के बीच नए पावर सब स्टेशन बनाने, नया लाइन बिछाने व 10 सब स्टेशनों में नाइट्रोजन इंजेक्शन पावर प्रोटेक्शन सिस्टम लगाना चाहती है जिस पर पांच वर्षों में 384.07 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ऐसे में कंपनी प्रबंधन ने बिजली की वर्तमान टैरिफ में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।

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टैरिफ में बढ़ोत्तरी रेवेन्‍यू गैप को करेगा कम

टाटा स्टील लिमिटेड द्वारा बिजली बढ़ोतरी पर दिए गए प्रस्ताव पर बुधवार को गोलमुरी क्लब में झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से जनसुनवाई आयोजित की गई।

इसमें कंपनी की ओर से सुमन मंडल ने तर्क दिया कि नए प्रोजेक्ट में होने वाले खर्च सहित होलसेल प्राइस, कंज्यूमर इंडेक्स सहित महंगाई के अनुसार वेतनमान में प्रतिवर्ष पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है इसलिए उनकी टैरिफ में भी बढ़ोतरी की जाए ताकि रेवेन्यू में हो रहे गैप को कम किया जा सके।

रेवेन्‍यू में गैप को कम करना इसलिए है जरूरी

सुमन मंडल के अनुसार, 10 प्रतिशत बढ़ोतरी होने पर भी अगले चार-पांच सालों में कंपनी का रेवेन्यू गैप 226.16 करोड़ रुपये रहेगा। यदि इस गैप को नहीं ठीक किया गया तो कैरिंग कास्ट बढ़ता रहेगा।

इस दौरान आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अमिताभ गुप्ता, सदस्य (विधि) महेंद्र प्रसाद व सदस्य (तकनीकी) अतुल कुमार की उपस्थिति में सभी उपभोक्ताओं से इस विषय पर सुझाव मांगा गया।

अधिकतर उपभोक्ताओं ने कम बढ़ोतरी की रखी मांग

जनसुनवाई के दौरान गुप्तेश्वर सिंह, एमएस वालिया, पीएन झा, वीरेंद्र सिंह, एसएस चावला, शशि आचार्य सहित अन्य उपभोक्ताओं ने घरेलू श्रेणी में कम से कम बढ़ोतरी की मांग की। साथ ही उपभोक्ताओं ने कंपनी द्वारा दी जा रही बिजली की गुणवत्ता व सर्विस को भी सराहा।

छह-छह माह में बिजली बढ़ोतरी का विरोध

जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ता राजेश कुमार ने छह-छह माह में बिजली दर बढ़ाने का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कंपनी अपने 11 हजार कर्मचारियों को सब्सिडी दर पर बिजली देती है और इसका बोझ आम उपभोक्ताओं पर पड़ता है।

कंपनी ने 10 साल में छह बार मीटर बदला और इसका बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ा। कंपनी जो भी आंकड़े देती है उसकी समीक्षा कर जांच होनी चाहिए।

राजेश ने आरोप लगाया कि कंपनी सेफ्टी पेनाल्टी, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, मीटर मेंटेनेंस व मीटर हायर चार्ज के नाम पर करोड़ो रुपये कमाती है।

इसका जवाब देते हुए वीपी सिंह ने सभी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि आयोग के निर्देश पर कंपनी ने मीटर हायर चार्ज को बंद कर दिया है।

सूचना के अधिकार के दायरे में है सभी लाइसेंसी कंपनी

जनसुनवाई के दौरान आयोग के तकनीकी सदस्य अतुल कुमार ने स्पष्ट किया कि सभी लाइसेंसी कंपनियां सूचना के अधिकार के अंतर्गत आते हैं इसलिए कोई भी उपभोक्ता इसका लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि तथ्य परक जानकारी देने के लिए सभी लाइसेंस कंपनियां बाध्य है।

आयोग लेगी बढ़ोतरी पर निर्णय

अध्यक्ष जनसुनवाई के दौरान आयोग अध्यक्ष अमिताभ गुप्ता ने कहा कि बिजली की दर में कितनी बढ़ोतरी होगी, इस पर कंपनी के प्रस्ताव और उपभोक्ताओं के सुझाव पर आयोग निर्णय लेगी। उपभोक्ता चाहे तो एक सप्ताह में अपने सुझाव को लिखित रूप से आयोग को भी भेज सकते हैं।

रेवेन्यू गैप को देखते हुए इस पर निर्णय लिया जाएगा। वहीं, उन्होंने बताया कि कोविड 19 के कारण दो वर्षों तक जनसुनवाई नहीं हो पाई थी इसलिए छह-छह माह में बढ़ोतरी पर चर्चा हुई। एरियर अवधि खत्म होगी तो टैरिफ बढ़ोतरी पर साल-दर-साल निर्णय लिया जाएगा।

दक्षता बढ़ाएं ताकि टैरिफ बढ़ोतरी न करना पड़े

जनसुनवाई के दौरान आयोग सदस्य (विधि) महेंद्र प्रसाद ने कहा कि कंपनी अपनी दक्षता बढ़ाएं ताकि बार-बार टैरिफ बढ़ोतरी करने की जरूरत नहीं करनी पड़े।

उन्होंने कंपनी की तारीफ करते हुए कहा कि कंपनी का ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लास (टीएंडडी) और आपरेशन एंड मेंटेनेंस (ओएंडएम) खर्च काफी कम है, लेकिन यदि कंपनी अपनी दक्षता को और बेहतर करेगी ताे इसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा और वे इससे खुश होंगे। वहीं, सदस्य (तकनीकी) ने कहा कि देश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लग चुकी है इसलिए वे इसे देखते हुए बढ़ोतरी पर निर्णय लेगी।

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