Jharkhand News: टाटानगर स्टेशन के पास बेपटरी हुई ट्रेन की बोगी, रि-शेड्यूल से परेशान यात्रियों ने किया हंगामा
जमशेदपुर के टाटानगर लोको यार्ड के सिक लाइन में ट्रेन का एक डिब्बा बेपटरी हो गया। इसके कारण वाशिंग लाइन में यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। इसके कारण टाटा जम्मू तवी टाटा-यशवंतपुर व टाटा-थावे एक्सप्रेस की रैक फंस गई। इसके कारण टाटानगर स्टेशन प्रबंधक को बार-बार तीनों ट्रेन को रि-शेड्यूल करना पड़ा जिसके कारण यात्रियों ने ठंड के कारण स्टेशन में जमकर हंगामा किया।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड में जमशेदपुर के टाटानगर लोको यार्ड के सिक लाइन में ट्रेन का एक डिब्बा बेपटरी हो गया। इसके कारण वाशिंग लाइन में यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। इसके कारण टाटा जम्मू तवी, टाटा-यशवंतपुर व टाटा-थावे एक्सप्रेस की रैक फंस गई।
इसके कारण टाटानगर स्टेशन प्रबंधक को बार-बार तीनों ट्रेन को रि-शेड्यूल करना पड़ा, जिसके कारण यात्रियों ने ठंड के कारण स्टेशन में जमकर हंगामा किया।
फिटनेस सर्टिफिकेट लेने व अंडर पास की खुदाई में हुई देरी
रेल प्रशासन की टीम शाम लगभग पौने आठ बजे तक बेपटरी डिब्बे की एक ट्रॉली को वापस पटरी पर ले आई, लेकिन रेलवे ट्रैक का फिटनेस सर्टिफिकेट लेने व अंडर पास की खुदाई व मिट्टी की मोटाई की समीक्षा करने में देरी हुई।
हालांकि रेल प्रशासन ने पहले शाम पांच बजे रवाना होने वाली जम्मू तवी को शाम पांच बजकर पांच मिनट के बजाए साढ़े सात बजे और यशवंतपुर एक्सप्रेस को शाम साढ़े छह बजे के बजाए साढ़े आठ बजे तक रि-शिड्यूल किया गया। इसके बावजूद जब ट्रेन की रैक प्लेटफॉर्म पर नहीं लगी तो यात्रियों की नाराजगी सामने आई।
परेशान रहे यात्री
कई यात्री बार-बार पूछताछ केंद्र व स्टेशन निदेशक के कक्ष पर जाकर पूछते रहे कि आखिर ट्रेन कब प्लेटफॉर्म पर आएगी। दुर्घटना के कारण बेपटरी हुए डिब्बे की कपलिंग आपस में सट कर जाम हो गए थे।
इसके कारण दुर्घटनाग्रस्त हुए कोचिंग डिब्बे हिल भी नहीं पा रहे थे। ऐसे में रेल प्रशासन द्वारा जेसीबी की मदद से ट्रेन को पीछे खींच कर पटरी पर वापस लाने का प्रयास किया गया। काफी मशक्कत के बाद शाम लगभग साढ़े सात बजे ट्रेन के बेपटरी डिब्बों को वापस पटरी पर चढ़ाया गया।
अधिकारी रहते हैं नदारद
चर्चा है कि इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी दुर्घटना हुई। अंडर पास खुदाई का काम चल रहा है लेकिन इंजीनियरिंग विभाग के एक भी अधिकारी साइट पर न ही जाते हैं और न ही किस तरह का काम हो रहा है इसका निरीक्षण करते हैं। ऐसे में एजेंसी अपने हिसाब से खुदाई का काम कर रही है जो दुर्घटना का कारण बना।
लोको फाटक बंद होने से स्थानीय भी रहे परेशान
टाटानगर लोको साइड में इलेक्ट्रिक लोको शेड, ट्रेनिंग सेंटर सहित एक बहुत बड़ी आबादी इस छोर में रहती है। ट्रेन बेपटरी होने से रेलवे फाटक डाउन रहा। इसके कारण स्थानीय निवासियों को बर्मामाइंस की ओर से घूमकर गोलपहाड़ी की ओर जाना पड़ा।
एक दिन में दूसरी बार ट्रेन हुई बेपटरी
दुर्घटना से पहले टाटानगर सिक लाइन में शुक्रवार सुबह में भी एक कोचिंग ट्रेन का एक डिब्बा बेपटरी हुआ था लेकिन रेल कर्मचारियों ने किसी तरह से उसे वापस पटरी पर ले आए थे लेकिन थोड़ी देर बाद ही दूसरी दुर्घटना हो गई।