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Jharkhand Contract Teacher Andolan: झारखंड के घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक सत्याग्रह आंदोलन पर

Jharkhand Contract Teacher Andolan. गुरुवार से झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों के पीजी विभाग एवं विभिन्न अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक अपनी मांग को मनवाने हेतु राजभवन के सामने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन पर चले गए हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 04:16 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 04:16 PM (IST)
आंदोलन में शामिल झारखंड के कॉलेजों के घंटी आधारित शिक्षक।

जमशेदपुर, जासं।  गुरुवार से झारखंड  के विभिन्न विश्वविद्यालयों के पीजी विभाग एवं विभिन्न अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक  अपनी मांग को मनवाने हेतु राजभवन के सामने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन पर चले गए हैं।

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वर्तमान सरकार ने पिछले वर्ष प्रतिपक्ष में रहते हुए इन शिक्षकों से वादा किया था कि सरकार बनने पर घंटी आधारित शिक्षकों की मांग पूरी की जाएगी, लेकिन आज तक इस सत्य से राज्य सरकार न सिर्फ विमुख हो चुकी है, बल्कि तीन वर्षों तक सेवा लेने के बाद 31 मार्च से इनकी सेवा भी समाप्त कर रही है। अतः सरकार द्वारा किए गए अपने वादे का पालन करने का आग्रह करने के लिए उच्च शिक्षा में कार्यरत शिक्षकगण सत्याग्रह आंदोलन पर शांति मय तरीके से बैठ चुके हैं।

घंटी आधारित शिक्षकों का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग के संकल्प संख्या-04, दिनांक 01-01-2021 के कंडिका संख्या- 3 (ख) में कर्णांकित घंटी आधारित अनुबंध शिक्षक के पुनर्चयन हेतु नए पैनल के गठन का निर्देश देकर उनके साथ सरासर अन्याय किया गया है। जिसे अविलंब संशोधित करने एवं पूर्व के पैनल (02-03-2017) पर कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को निश्चित मासिक मानदेय के साथ 65 वर्षों की आयु तक सेवा विस्तार करने की मांग सरकार से की गई है।

कोल्‍हान के शिक्षकों का यह है कहना

 कोल्हान विश्वविद्यालय घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक के अध्यक्ष डा. एसके झा ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार ने वर्तमान में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को अल्प अवधि 31 मार्च 2021 तक के लिए सेवा विस्तार कर इन शिक्षकों को नैसर्गिक न्याय से वंचित रखा है। कहा कि नए पैनल का गठन उसी प्रक्रिया के आधार पर करना सर्वथा अनुचित है। इस आशय की जानकारी राज्यपाल सह कुलाधिपति ,  मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा सचिव व  उच्च शिक्षा निदेशक को भी दी गयी है। इस कारण राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा प्रकाशित होने वाले विज्ञापन पर अविलंब रोक लगाते हुए वर्तमान में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों के पैनल का विस्तार 65 वर्षों की आयु तक, निश्चित मासिक मानदेय के साथ किया जाए। इसके बाद रिक्त पदों पर विज्ञापन प्रकाशित की जाए।

ये शिक्षक रहे शामिल

सत्याग्रह आंदोलन के पहले दिन ज़ाकिर हुसैन पार्क, राजभवन रांची मे उपस्थित  सातों विश्वविद्यालय के घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापकों मे डा. प्रभाकर कुमार , डा. एसके झा, डा. सुमंत कुमार , डा. अंजना, डा. राजेंद्र प्रसाद , डा. मंटू कुमार सिंह , डा. बी एन साहू , डा. सी पांडे , डा. स्वाति वत्स , डा. साधना कुमारी , डा. व्यास कुमार , राजू कुमार बराइक , डा. बासुदेव प्रजापति सहित कई शिक्षक शामिल थे।


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