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झारखंड अलग राज्‍य आंदोलन में आवाज बुलंद करने वाले सूर्य सिंह बेसरा को जान का खतरा, राजनीति को कहेंगे अलविदा

झारखंड अलग राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले घाटशिला के पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने कहा है कि उन्‍हें अपनी जान का खतरा सता रहा है। वह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं इसलिए राजनीति से सन्‍यास लेना चाहते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Fri, 30 Dec 2022 04:00 PM (IST)Updated: Fri, 30 Dec 2022 04:00 PM (IST)
झारखंड अलग राज्‍य आंदोलन में आवाज बुलंद करने वाले सूर्य सिंह बेसरा को जान का खतरा, राजनीति को कहेंगे अलविदा
झारखंड अलग राज्‍य आंदोलन में आवाज बुलंद करने वाले सूर्य सिंह बेसरा को जान का खतरा

जासं, घाटशिला। झारखंड अलग राज्य आंदोलन में जिसने सत्ता को चुनौती देकर प्रदेश से लेकर दिल्ली दरबार तक आवाज बुलंद की थी। आज वह लीडर अलग राज्य निर्माण के बाद अपनी जान को खतरा बता रहा है। हम बात कर रहे हैं घाटशिला के पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा की। कभी अलग झारखंड राज्य की लड़ाई में बिहार विधानसभा के सदस्य (विधायक) के पद से इस्तीफा देकर राज्य ही नहीं देश में चर्चा में आए थे सूर्य सिंह बेसरा।

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राजनीति से सन्‍यास पर लोगों से मांग रहे हैं राय

घाटशिला कालेज के छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा इन दिनों हाशिए पर चल रहे हैं। अब उन्होंने अपनी जान का खतरा बताते हुए राजनीति से सन्यास लेने तक की घोषणा कर दी है। फिलहाल वह राजनीति के सन्यास पर लोगों से उनकी राय मांग रहे हैं।

मेरे नाम पर लगने लगे हैं मुर्दाबाद के नारे: सूर्य सिंह बेसरा

बकौल सूर्य सिंह बेसरा, 'मैं झारखंड राज्य निर्माताओं में से एक हूं। झारखंड की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को देखकर मैं काफी आहत हूं। मेरे नाम पर जिंदाबाद के बजाय मुर्दाबाद के नारे लगने लगे हैं। आदिवासी मूलवासी भाई-भाई कहने पर मेरा पुतला जल रहा है। माझी महतो भाई भाई यानी सामाजिक समरसता कहने पर असामाजिक तत्व व कुछ तथाकथित आदिवासी नाथ नेताओं के द्वारा मेरी निंदा की जा रही है। झारखंडी जन जागरण अभियान, जनसभाएं करने पर मेरे ऊपर पाबंदी लगाया जा रहा है।'

राजनीति को कहना चाहता हूं अलविदा: सूर्य सिंह बेसरा

उन्‍होंने आगे कहा, 'वर्तमान झारखंड मुक्ति मोर्चा व कांग्रेस की गठबंधन सरकार यानी हेमंत सोरेन की सरकार ने मेरे अंगरक्षक को हटा दिया। उसके कारण मेरी जान माल की सुरक्षा पर खतरा बन आया है। ऐसी परिस्थिति में असुरक्षा महसूस करते हुए राजनीति से अलविदा कह देना चाहता हूं। उसके पूर्व आप से भी मैं राय लेना चाहता हूं। इतिहास साक्षी है जिस प्रकार भारत स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज की भूमिका रही थी। ठीक उसी प्रकार झारखंड अलग राज निर्माण में मेरे नेतृत्व में आजसू की भूमिका रही है।'

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