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Lok Sabha Election 2019 : जमशेदपुर के सांसद रह चुके हैं अर्जुन मुंडा, अबकी खूंटी के अखाड़े में

Lok Sabha Poll 2019. खूंटी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने आठ बार के सांसद रह चुके पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कडि़या मुंडा को दरकिनार कर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पर दांव लगाया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 09:42 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 09:42 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : जमशेदपुर के सांसद रह चुके हैं अर्जुन मुंडा, अबकी खूंटी के अखाड़े में

जमशेदपुर, जेएनएन। Lok Sabha Poll 2019 खूंटी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने आठ बार के सांसद रह चुके पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कडि़या मुंडा को दरकिनार कर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पर दांव लगाया है। सारे कयास खत्म हो गए जब शनिवार की शाम दिल्ली में उम्मीदवारों की सूची जारी हुई। झारखंड के 10 उम्मीदवारों की सूची में अर्जुन मुंडा के भी नाम हैं।

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अर्जुन मुंडा जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से 2009 में झामुमो के उम्मीदवार को हराकर सांसद बने थे। इसके कुछ दिन बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और मुख्यमंत्री बने थे।  उनके इस्तीफे के बाद वर्ष 2011 के लोकसभा उपचुनाव में जमशेदपुर सीट झामिवो के कब्जे में चली गई थी और डॉ अजय कुमार ने जीत दर्ज की थी। 2014 में भाजपा ने झामुमो से इस्तीफा देकर आए विधायक विद्यत वरण महतो पर दांव लगाया और वे सफल रहे। इस बार भी भाजपा ने विद्युत पर ही भरोसा किया है। संगठन को लगता है कि लंबे समय से झारखंड की राजनीति को गहराई से समझने और हर क्षेत्र में गहरी पकड़ होने से अर्जुन मुंडा को खूंटी में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

कयासों पर विराम

अर्जुन मुंडा इस बार खूंटी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं, इसकी चर्चा जोर-शोर से हो रही थी। इस अटकल को इस बात से भी हवा मिल रही थी कि कड़िया मुंडा को भाजपा इस बार उम्मीदवार नहीं बनाने का मन बना चुकी थी। कडिया को हाल ही में पद्मभूषण सम्मान मिला है। सम्मान मिलने के समय से यह चर्चा हो रही थी कि खूंटी में अब कड़िया मुंडा की जगह कौन लेगा। वैसे भी अब उनकी उम्र 83 वर्ष हो गई है। काफी दिनों से पार्टी में उनकी सक्रियता नहीं थी। 

पहला नाम चल रहा था मुंडा का

कडिया की निष्क्रियता की वजह से सबसे पहला नाम अर्जुन मुंडा का ही चल रहा था। चूंकि अर्जुन मुंडा जिस खरसावां विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे हैं, वह खूंटी लोकसभा क्षेत्र का अहम हिस्सा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भले ही अर्जुन मुंडा की हार हो गई थी, लेकिन राजनीतिक पंडित इसके पीछे का कारण चुनाव को लेकर उनके कम गंभीर रहने को ही मानते रहे हैं। झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा को लोकसभा चुनाव-2019 में भाजपा ने संकल्प पत्र समिति में शामिल करके यह बता दिया था कि पार्टी में उनकी क्या अहमियत है। इस समिति में मुंडा झारखंड के अकेले नेता हैं। मुंडा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी बनाए गए थे।


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