कतर में फंसे जमशेदपुर के 800 लोग, खैरियत से लौटने की दुआ मांगी
जमशेदपुर के उन परिवारों की चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं, जिनके अपने कतर में हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। मध्य पूर्व के देश कतर में जैसे-जैसे संकट गहराता जा रहा है, शहर में उन परिवारों की चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं, जिनके अपने कतर में हैं। शहर के 800 से ज्यादा लोग कतर में हैं। कई देशों की एयरलाइंस के कतर से अपनी उड़ानें रद कर दिए जाने से जमशेदपुर के लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। अभी उनके लिए कतर एयरवेज ही सहारा है। इनमें टिकट के लिए मारामारी मची है। सबको यही डर है कि अगर कतर के हालात इराक, सीरिया और यमन जैसे हुए तो क्या होगा? इसलिए ये जल्द से जल्द भारत लौट आना चाहते हैं।
शहर के मानगो, आजाद नगर, जवाहर नगर, जाकिर नगर, धतकीडीह, जुगसलाई, गोलमुरी आदि इलाके के लोग कतर में नौकरी कर रहे हैं। इनमें से तकरीबन 300 से ज्यादा लोग कतर स्टील प्लांट में ही हैं। धतकीडीह और गोलमुरी के ज्यादा लोग कतर स्टील प्लांट में इंजीनियर हैं। कई लोग अपने पूरे परिवार के साथ वहीं हैं। आजाद नगर में रोड नंबर 10 निवासी मो. हबीबुल्लाह, उनके भाई हयातउल्ला और मो. हफीज उल्ला परिवार के साथ कतर में हैं। यहां उनकी बहन कमर जहां अपने बच्चों के साथ रहती हैं। कमर जहां के पति अब्दुल रहीम भी कतर में हैं।
वह पिछले साल दिसंबर में कतर गए थे। वो मीसईद शहर में कतलूम फैक्ट्री में हैं। कतर संकट शुरू होने पर इन लोगों ने भारत लौटने का मन बना लिया है। चार दिन पहले इन्होंने अमीरात एयरलाइंस का टिकट ले लिया था। लेकिन, बाद में अमीरात एयरलाइंस ने उड़ान रद कर दी। इसके बाद इन लोगों ने कतर एयरलाइंस का टिकट लेने की कोशिश की। लेकिन, टिकट नहीं मिल रहा था। बाद में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी के जुगाड़ से किसी तरह टिकट हासिल किया है। मो. हबीबउल्लाह अपने तीनों भाई और परिवार के साथ 14 जून को आ रहे हैं। वे कई साल बाद भारत लौट रहे हैं। घर में बहन कमर जहां अपने भाइयों और पति के जल्द लौटने की दुआएं कर रही हैं। कमर जहां के पति अब्दुल रहीम भी 19 जून को भारत लौटेंगे। उन्हें इंडियन एयरलाइंस का टिकट मिला है। अब्दुल रहीम की बेटी आयशा और मुस्कान भी अपने अब्बू के घर लौट आने की दुआ कर रही हैं।
सर्विलांस में लगे हैं फोन
सऊदी अरब और कतर के बीच तनाव पूर्ण रिश्ते के बीच कतर ने अपनी सीमाएं सील कर दी हैं। कमर जहां ने सुबह ही अपने पति अब्दुल रहीम से बात की थी। अब्दुल रहीम ने अपनी पत्नी को बताया कि शहर में मौजूद बाहरी लोगों के फोन सर्विलांस पर लगा दिए गए हैं। एक-एक फोन टेप हो रहे हैं। कतर ने भारत को छोड़ कर सऊदी अरब, पाकिस्तान, दुबई, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र आदि देशों के लोगों को एक हफ्ते में देश छोड़ देने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है।
कतर में खाद्य पदार्थ की हो गई कमी
जाकिर नगर के मो. इंतेखाब आलम 2008 में कतर गए थे। वो अभी कतर की राजधानी दोहा में वाटर एंड इलेक्ट्रीसिटी कंपनी खरामा में हैं। उन्होंने फोन पर सुबह अपने भाई नवाब अहमद खान से बात की और बताया कि दोहा में खाद्य पदार्थ और राशन की कमी हो गई है। बेहद मुश्किल से खाने-पीने का सामान मिल रहा है।
इन्होंने की खैरियत से लौटने की दुआः
-मेरे भाई मोहम्मद कतर में हैं। हम लोग परेशान हैं। अल्लाह न करे वहां कुछ गड़बड़ हो। यही परवरदिगार से दुआ है।
-मो. खालिद, आजाद नगर
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मेरे भाई मजहर आलम खान कतर में दोहा शहर में हैं। सुबह उनसे बात हुई थी। उन्हें एयरलाइंस का टिकट नहीं मिल रहा है। वो जल्द भारत आ रहे हैं।
-मो. शमीम अख्तर, जाकिर नगर
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मेरे भाई आसिफ नदीम कतर में कंपनी में हैं। वो दो साल पहले गए थे। घर में हम लोग उनकी खैरियत की दुआ कर रहे हैं।
-एहतेशाम आफरीदी, मानगो
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मेरे भाई इंतेखाब खरामा कंपनी में हैं। कतर संकट की जानकारी होने पर वो भारत आ रहे हैं। उनका टिकट हो गया है। हम सब दुआ कर रहे हैं कि वो जल्द घर वापस आ जाएं।
-नवाब अहमद खान, आजाद नगर
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