पटरी पर दौड़ी मालगाड़ी तो दौड़ने लगीं हसरतें
हंसडीहा पोड़ैयाहाट के बीच रेल के पटरी पहली बार रविवार को मालगाड़ी के लिए आने पर आम लोगों में कौतूहल और खुशी देखी गई। रेल की पटरी के किनारे पड़ने वाले गांव के लोग सीटी की आवाज सुनकर एकाएक गांव से महिला पुरुष बच्चे बुजुर्ग सभी बाहर निकलकर पटरी के किनारे खड़े हो गए
पोड़ैयाहाट : हंसडीहा-पोड़ैयाहाट के बीच रेल पटरी पर पहली बार रविवार को मालगाड़ी के आने पर आम लोगों में कौतूहल और खुशी देखी गई। रेल की पटरी के किनारे पड़नेवाले गांव के लोग रेल की सीटी की आवाज सुनकर एकाएक गांव से महिला-पुरुष व बच्चे बुजुर्ग सभी बाहर निकलकर पटरी के किनारे खड़े हो गए और जाती हुई रेलगाड़ी को खुशी से देखने लगे। आजादी के 72 साल से जो सपना यहां के लोगों ने देखा था, वह लगभग अब पूरा होने का समय आ गया है। दरअसल रेलवे के चल रहे काम का सामान लाने के लिए रविवार को मालगाड़ी उक्त नई रूट पर आई थी। चीर नदी पर ब्रिज के किनारे तक आकर वापस हंसडीहा चली गई।
स्टेशन का कार्य तीव्र गति से चल रहा है : पोड़ैयाहाट स्टेशन पर निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। दोनों प्लेटफॉर्म को जोड़ने वाले पुल, शेड तथा प्रशासनिक भवन, टिकट काउंटर आदि के कार्यो में काफी प्रगति हुई है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि15 जुलाई को स्टेशन तक पैसेंजर गाड़ी के परिचालन का ट्रायल लिया जा सकता है। तब तक पोड़ैयाहाट स्टेशन लगभग बनकर तैयार हो जाएगा। चीर नदी ब्रिज से पोड़ैयाहाट स्टेशन तक रेल लाइन को जोड़ने का कार्य भी तेजी से चल रहा है।
मार्च 2020 तक गोड्डा तक पहुंचेगी ट्रेन : अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो ओएमयू के अनुसार मार्च 2020 तक गोड्डा-हंसडीहा रेल लाइन पर रेल का परिचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा, लेकिन जिस गति से कार्य हो रहा है उससे लगता है कि मार्च के पहले ही कार्य पूरा हो जाएगा। गोड्डा हंसडीहा रेल लाइन का दो बार एमओयू हो चुका है। पहली बार 2012 में काम शुरू हुआ जिसकी लागत 267 .09 करोड़ रुपये थी। इसे मार्च 2016 तक पूरा करना था। दोबारा 2016 में करार किया गया जिसमें योजना की लागत बढ़कर 542.18 करोड़ हो गई। इसे मार्च 2020 तक पूरा करना है। 35 .25 किलोमीटर लंबे इस रेल खंड में 7 बड़े ब्रिज, 55 छोटे ब्रिज,10 ओवर ब्रिज का निर्माण का कार्य किया जाना है, जिसमें अधिकांश कार्य पूर्ण होने के कगार पर है।
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