सरकार ने महिलाओं को इसलिए सौंपी ये अहम जिम्मेदारी
सरकार की विकास व कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने वाली एजेंसियां अब महिलाओं के साथ-साथ काम करेंगी।
ज्ञान ज्योति, गिरिडीह। आधी आबादी यानी नारी शक्ति। जान लें अब इस ताकत के बिना विकास की परिकल्पना बेमानी है। आज हर क्षेत्र में इनकी धमक कायम हो रही है। सरकार ने भी इनकी महत्ता को परख लिया है। इसलिए महिलाओं को सरकार एक अहम जिम्मेदारी सौंप रही है। सरकार की विकास व कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने वाली एजेंसियां अब महिलाओं के साथ-साथ काम करेंगी। महिलाओं की टीम इनके काम की गुणवत्ता को परखने के बाद सरकार और प्रशासन को रिपोर्ट करेगी, तभी संबंधित एजेंसी को भुगतान होगा। इस काम के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
योजनाओं के अंकेक्षण का जिम्मा
स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को मनरेगा, 14वें वित्त, जन वितरण प्रणाली, स्वच्छ भारत मिशन सहित अन्य योजनाओं के तहत संचालित विकास व कल्याणकारी काम का सामाजिक अंकेक्षण करने की जिम्मेदारी दी जा रही है। नारी शक्ति गांव-गांव जाएगी। वहां योजना के तहत हुए कार्य का आकलन करेगी। अंकेक्षण कर सरकार और जिला प्रशासन को रिपोर्ट देगी। सामाजिक अंकेक्षण के दौरान कार्य की गुणवत्ता पर विशेष नजर रहेगी। इस दौरान यह देखा जाएगा कि योजना के लिए उपलब्ध कराई गई राशि का समुचित उपयोग हुआ है या नहीं। नियमों का अनुपालन हुआ है या नहीं। इन बिंदुओं की पड़ताल के बाद निष्कर्ष निकालकर रिपोर्ट बनाई जाएगी। यदि योजना में गड़बड़ी हुई है तो उसे उजागर किया जाएगा।
सामाजिक अंकेक्षण का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली संध्या कुमारी को प्रमाण पत्र देते मास्टर ट्रेनर रामेश्वर वर्मा।
प्रशिक्षण में दी जा रहीं अहम जानकारी
झारखंड में सामाजिक अंकेक्षण के लिए गिरिडीह सहित अन्य जिलों में महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। गिरिडीह में 12 बैच में प्रशिक्षण होना है। हर बैच में 35-40 महिलाओं को प्रशिक्षण मिल रहा है। केवल गिरिडीह जिले में ही 500 महिलाओं की टीम तैयार हो रही है। जो योजनाओं का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देगी।
दूसरे जिलों में भी देंगी सेवाएं
महिलाओं को अपने जिले के साथ-साथ राज्य के अन्य जिलों में भी सामाजिक अंकेक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके लिए यात्रा भत्ता के साथ प्रति कार्य दिवस के एवज में 550 रुपये की दर से मानदेय का भी भुगतान होगा। फिलहाल गिरिडीह की टीम को पलामू, गुमला, पाकुड़ जैसे जिलों में भेजने की तैयारी की जा रही है। गिरिडीह में फरवरी से ये सामाजिक अंकेक्षण करेंगी।
महिलाओं को इसलिए सौंपी जा रही ये जिम्मेदारी :
मनरेगा सोशल आडिट यूनिट के डीआरपी बैजनाथ प्रसाद वर्मा ने बताया कि महिलाओं से सामाजिक अंकेक्षण कराने पर सरकार को अच्छे परिणाम मिले हैं। महिलाएं पूरी शिद्दत से काम कर अधिक जानकारी निकाल लेतीं हैं। क्योंकि क्षेत्र की महिलाओं से भी घुल-मिल जाती हैं। योजना की तह तक जाकर छानबीन करती हैं। इससे संबंधित हर जानकारी हासिल कर लेती हैं। इसलिए महिलाओं को इसकी कमान सौंपी जा रही है। इस कवायद से महिलाएं धन उपार्जन के साथ समाज के विकास में भी अपनी भूमिका निभा देंगी।
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