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किसान आंदोलन का किसानों से नहीं कोई लेना-देना... बाबूलाल ने आंदोलन को लेकर छेड़ दी बहस, कहा- देश को अस्थिर करने का है प्रयास

लोकसभा चुनाव से ठीक पूर्व विभिन्न मांगों को लेकर नई दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन फिर जारी है। इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी का कहना है कि मोदी सरकार पूरे देश के किसानों का हित चाहती है। इसलिए किसानों को सकारात्मक ढंग से अपनी बात रखनी चाहिए। वहीं बाबूलाल मरांडी ने भी इस पर बयान दिया है।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Published: Thu, 15 Feb 2024 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 15 Feb 2024 03:57 PM (IST)
दिल्‍ली में हो रहे किसान आंदोलन की तस्‍वीरें।

दीपक कुमार पाण्डेय, गिरिडीह। लोकसभा चुनाव से ठीक पूर्व विभिन्न मांगों को लेकर नई दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन फिर जारी है। ये किसान जहां दिल्ली आकर अपनी मांगें मनवाने को लेकर राजधानी की सीमा पर डटे हैं, वहीं अब केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी कहा कि सरकार किसानों के साथ खुले दिल से बातचीत के लिए तैयार है। आपस में चर्चा कर ही किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को सकारात्मक ढंग से अपनी बात रखनी चाहिए।

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पूरे देश के किसानों का हित चाहती है मोदी सरकार

बुधवार को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अपने एक्स टाइमलाइन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र कृषि के साथ एक किसान की तस्वीर पोस्ट कर लिखा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं। हमारे देश की आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूरे देश के किसानों का हित चाहती है। उनके पक्ष में नीतियां निर्धारित की गईं।

किसानों की आय दोगुनी हो, उन्हें हर तरह की सुविधाएं मिले, इसे लेकर लगातार काम जारी है। मंत्री ने कहा कि बीते मंगलवार को केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री अर्जुन मुंडा व वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसी मकसद से किसानों से बात की, ताकि आंदोलन समाप्त कराया जा सके। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के नेताओं को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए और आगे आकर समाधान की राह पर कदम बढ़ाना चाहिए।

जो मांगें लंबित, उन्हें भी पूरा करने की दिशा में चल रहा प्रयास

अन्नपूर्णा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के लिए किसान सम्मान निधि लेकर आई। मकई-बाजरा पर एमएसपी निर्धारित की गई। सरकार किसानों को प्राथमिकता दे रही है। फसलों को बचाने के लिए नैनो फर्टिलाइजर, नीम कोटेड यूरिया उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

ई-मार्केटिंग की व्यवस्था की गई, ताकि किसान अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकें। उन्होंने कहा कि जिन मांगों को पूरा करने का आश्वासन सरकार की ओर से मिला है, उन सभी पर काम जारी है, लेकिन तुरंत किसी भी समस्या का समाधान नहीं नजर आ सकता है।

किसान आंदोलन को लेकर बाबूलाल का बयान 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रव करने वाले लोग इस देश को कमजोर करने की साजिश रच रहे। बाबूलाल ने कहा कि इस आंदोलन से ना सिर्फ झारखंड, बल्कि देश के किसी भी हिस्से के किसानों का कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि आंदोलन में शामिल लोग पंजाब के तथाकथित किसान हैं जो हठधर्मिता पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने पहले भी आंदोलन के नाम पर यही किया और अब आज एक बार फिर यही कर रहे। ये ना किसानों के सगे हैं और ना ही मजदूरों के। बाबूलाल ने कहा कि आंदोलन के नाम पर उत्पात मचाकर मोदी सरकार को नहीं, बल्कि देश को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है।

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